5% जीएसटी लगता है सभी तरह के कपड़े पर
GST Tax System: लोकेश सोलंकी, इंदौर। शहर के कपड़ा कारोबारी जीएसटी के कोड के जंजाल में उलझे नजर आ रहे हैं। सभी तरह के कपड़े (फेब्रिक) पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है। व्यापारी परेशान हैं कि उन्हें टैक्स नहीं, बल्कि बिल बनाना और अकाउंटिंग का काम महंगा पड़ रहा है। दरअसल जीएसटी प्रणाली के तहत कपड़ों पर किस्म के अनुसार अलग-अलग कोड (एचएसएन) कोड निर्धारित कर दिया गया है। बिक्री के बिल के साथ व्यापारियों को उसका एचएसएन कोड भी लिखना पड़ रहा है। व्यापारी परेशान हैं क्योंकि ढेर सारे कोड में उलझकर थोड़ी सी गलती उन्हें जीएसटी की नजर में दोषी बना देगी।
प्रदेश के सबसे बड़े थोक कपड़ा बाजार महाराजा तुकोजीराव होलकर क्लाथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन ने एचएसएन को इस परेशानी की ओर ध्यान दिलाया है। कपड़ा कारोबारियों के अनुसार लट्ठे यानी काटन के कपड़े के लिए एचएसएन कोड 5208 है तो टेरीकाट के कपड़े के लिए 5407 एचएसएन कोड है। हैंडलूम के कपड़े से बने पर्दे के लिए 6303 एचएसएन कोड है तो बेडशीट के लिए 6305, इसी तरह सिल्क की साड़ी के लिए एचएसएन कोड अलग लिखना होगा और हैंडलूम की साड़ी के लिए कोड अलग तय है। क्लाथ मार्केट के थोक कपड़ा कारोबारियों से लेकर बुरहानपुर के हथकरघा (लूम) संचालक भी कोड से परेशान हैं।
कपड़ों पर टैक्स की दर समान, कोड अलग
थोक कारोबारी सुरेंद्र छाजेड़ के अनुसार कपड़ों पर टैक्स की दर समान है। बिल में एचएसएन कोड लिखना होता है। इतने ज्यादा कोड होने से गलती की आश्ांका लगातार बनी रहती है। कोड की त्रुटि से रिटर्न में मिसमैच का डर बना रहता है। जीएसटी आडिट में ऐसे किसी भी कोड की गलती को पकड़कर अधिकारी व्यापारी को कटघरे में खड़ा कर सकते हैं, जबकि इसका टैक्स से कोई संबंध नहीं है। जीएसटी के आडिट में एक-एक बिल के मिलान का नियम है। ऐसे में एक बिल की गलती व्यापारी और उसके व्यापार को नियमों के जंजाल में उलझा देगी।
क्या है एचएसएन कोड
कमर्शियल टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केदार हेड़ा और वकील एके गौर के अनुसार एचएसएन कोड हार्मोनाइज्ड सिस्टम आफ नामेनक्लेचर का संक्षिप्त रूप है। दुनियाभर में वस्तुओं और उत्पादों के वर्गीकरण के एचएसएन कोड का उपयोग किया जाता है। जीएसटी सिस्टम भी हमने अन्य देशों से लिया है। ऐसे में कोड की अवधारणा भी सीधे वहां से ली गई है। बिल में कोड लिखने का उद्देश्य होता है कि वस्तु का वर्गीकरण स्पष्ट हो जाए और उस पर टैक्स की दर साफ हो जाए। सामान्य तौर पर एक प्रकार की कमोडिटी का कोड एक जैसा होता है।
बदलाव केंद्र से
एचएसएन कोड की बहुलता बिलिंग के साथ अकाउंटिंग प्रक्रिया को भी मुश्किल बनाती है। कोड का निर्धारण जीएसटी काउंसिल से ही होता है। व्यापारी सरलीकरण की मांग तो कर सकते हैं, लेकिन इस बारे में निर्णय दिल्ली से ही हो सकता है। यह सही है कि टैक्स की दर समान है तो कोड कम करने से सरकार को राजस्व हानि की आशंका नहीं है।
- अश्विन लखोटिया, अध्यक्ष, मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन
खर्च और परेशानी बढ़ रही
जीएसटी प्रणाली लागू करते समय इसे आसान बताया गया था। कपड़े पर टैक्स पांच प्रतिशत है तो कोड भी एक समान और चुनिंदा संख्या रखे जा सकते हैं। इससे टैक्स चोरी का डर नहीं है। अभी व्यापारी कोड में उलझ रहा है। अकाउंटिंग से लेकर कागजी काम में समय और पैसा दोनों ज्यादा खर्च करना पड़ रहा। गलती होने पर सजा का डर अलग से। ऐसे में जीएसटी में कपड़ों के एचएसएन कोड को आसान किया जाना जरूरी है। इस बारे में हम वित्त मंत्री को पत्र लिख रहे हैं।
- अरुण बाकलीवाल, प्रवक्ता और व्यापारी, क्लाथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन
कपड़ों पर कैसे-कैसे कोड
काटन : एचएसएन कोड 5208
टेरीकाट : एचएसएन कोड 5407
हैंडलूम : एचएसएन कोड 6303
बेडशीट : एचएसएन कोड 6305
दिक्कत : टैक्स नहीं, बल्कि बिल बनाना और अकाउंटिंग का काम भी पड़ रहा महंगा
चिंता भी : एक बिल की गलती व्यापारी और उसके व्यापार को नियमों में उलझा देगी