
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सनातन संस्कृति के सबसे बड़े पर्व दीपावली की शुरुआत आज से हो गई है। इस अवसर पर पहले दिन धनतेरस पर जहां भगवान धन्वंतरि का पूजन किया गया वहीं शहर के रोशनी से नहाए महालक्ष्मी मंदिरों में सुख-समृद्धि की देवी की आराधना की जा रही है। 18 से 23 अक्टूबर तक दीपोत्सव में कहीं फूल बंगला सजेगा तो कहीं चार बार माता का स्वरूप शृंगारित किया जाएगा। हंसदास मठ पर पहले दिन 5100 दीपों से सज्जा होगी।
लक्ष्मी-वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में पंच पर्व पर माता का 265 प्रकार की औषधियों से पंचामृत महाभिषेक किया जाएगा। इस दौरान 1008 नामों से भगवती की स्वर्ण व रजत पुष्प से अर्चना की जाएगी। साथ ही माता को रत्न जड़ित आभूषण धारण कराए जाएंगे। नागोरियापीठाधीश्वर स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि इस दौरान भगवती श्री महालक्ष्मी की कुमकुम के साथ ही श्री वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के विद्यर्थियों द्वारा श्री सूक्त, पुरुष सूक्त आलवन्दार स्तोत्र के पाठ का वाचन किया जाएगा। मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है।
राजवाड़ा स्थित होलकरकालीन प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में हर दिन फूल बंगला सजेगा। मुख्य पुजारी पं. भानुप्रसाद दुबे ने बताया कि धनतेरस और रूप चतुर्दशी पर महालक्ष्मी का चार बार शृंगार किया जाएगा। दीपावली के दिन दो बार शृंगार होगा। वहीं शाम को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। मंदिर पर विद्युत सज्जा के साथ ही माता का नयनाभिराम शृंगार किया गया है।
एरोड्रम रोड स्थित श्रीश्री विद्या धाम मंदिर में शनिवार को धन तेरस पर भगवान धन्वंतरि का पूजन किया गया। इसके साथ ही दीपदान भी होगा। मंदिर के पं. दिनेश शर्मा ने बताया कि मंगलवार को स्नान, दान, देव, पितृ कार्य अमावस्या, बुधवार को गो-गोवर्धन पूजा, गुरुवार को भाई दूज पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान का आकर्षक शृंगार भी होगा। अन्नकूट महोत्सव एक नवंबर को मनाया जाएगा।
उषानगर स्थित महालक्ष्मी मंदिर पर धनतेरस पर कुबेर पूजन सुबह नौ बजे किया गया। रूप चतुर्दशी पर देवी लक्ष्मी का महाभिषेक सुबह 8:30 बजे से होगा। इसके बाद महालक्ष्मी यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। दीपावली पर महालक्ष्मी का पूजन एवं महाआरती सुबह साढ़े नौ बजे से होगी। इस दौरान मंदिर परिसर में आतिशबाजी भी की जोगी। गुरुवार को भाईदूज पर श्रीयंत्र व साड़ी वितरण एवं शृंगार दर्शन शाम पांच बजे से होंगे।
एयरपोर्ट रोड पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर शनिवार को शाम छह बजे धनतेरस के उपलक्ष्य में मठ परिसर में 5100 दीपों से सजावट की जाएगी। दीपोत्सव का शुभारंभ मठ के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सान्निध्य एवं महामंडलेश्वर महंत पवनदास महाराज के मार्गदर्शन में होगा। मठ पर दीपावली का मुख्य महापर्व 20 अक्टूबर को व गोवर्धन पूजा उत्सव 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा।