नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप पीने से एक दर्जन से अधिक बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद शासन ने प्रदेशभर में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। घटना के आठ दिन बाद इंदौर प्रशासन जागा है और शहर में मंगलवार के सभी प्रकार के कफ सिरप की सैंपलिंग लेना शुरू कर दिया है। कलेक्टर के निर्देश के बाद औषधि विभाग की टीम ने दवा बाजार और विभिन्न मेडिकल स्टोर्स से 50 से अधिक कफ सिरप के सैंपल लिए है।
जांच के दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई है। इंदौर में कुछ मेडिकल स्टोर्स पर गुजरात में प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री होना पाया गया है। इनमें री-लाइफ और रेस्पीफ्रेश टीआर एमएफजी ब्रांड्स के कफ सिरप शामिल हैं, जिन्हें तुरंत जब्त कर लिया गया है। इनकी कंपनी शैफ फार्मास्युटिकल और रिडोनोक है। औषधि विभाग की टीमों ने दवा बाजार स्थित गुप्ता मेडिकल और लक्ष्मी ड्रग हाउस जैसे प्रतिष्ठानों से सिरप के सैंपल लिए। इन सैंपल्स को अब प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा गया है।
रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हादसे के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ड्रग इंस्पेक्टरों की टीमें तब मैदान में आईं जब कलेक्टर ने सख्त निर्देश जारी किए, यह लापरवाही बताती है कि किस प्रकार यह कार्य करते होंगे। जबकि औषधि विभाग को नियमित रूप से जांच करनी चाहिए, यह उनकी जिम्मेदारी है।
निरीक्षण के दौरान यह सामने आया है कि कुछ गुजरात की फार्मा कंपनियों के सिरप इंदौर में बिक रहे थे, जिन्हें वहां पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका था। इन कफ सिरप को बच्चों को पिलाना घातक हो सकता है। इसके बावजूद लंबे समय से इसकी बिक्री इंदौर में धड़ल्ले से हो रही है। कई डॉक्टर भी इसे लिख रहे थे। लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने कभी मेडिकल और डीपो पर निरीक्षण ही नहीं किया था। जबकि हर ड्रग इंस्पेक्टर को प्रति माह कम से कम पांच सैंपल जांच के लिए लेना अनिवार्य है।
कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा है यदि कोई डॉक्टर प्रतिबंधित कफ सिरप लिखता पाया गया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही ऐसे सभी कफ सिरप की भी जांच की जाएगी, जो प्रतिबंधित दवाओं से मिलते-जुलते हैं।
छिंदवाड़ा की घटना के बाद शासन के निर्देशानुसार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इंदौर में कुछ स्टॉकिस्ट के पास प्रतिबंधित सिरप पाए गए हैं, जिन्हें जब्त किया जा रहा है। सात टीमें लगातार कार्रवाई में लगी हैं। किसी भी मेडिकल स्टोर को प्रतिबंधित दवा बेचने की अनुमति नहीं है। यदि बिक्री हुई तो कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. माधव हासानी, सीएमएचओ
हमारे बाजार में प्रतिबंधित दवा का कोई प्रोडक्ट नहीं है। अन्य कंपनियों के सैंपल एहतियातन लिए जा रहे हैं। यदि गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है तो हम भी कार्रवाई के पक्ष में हैं। गलत दवाएं किसी भी हाल में नहीं बिकनी चाहिए। - धमेंद्र कोठारी, वाइस प्रेसिडेंट, मप्र केमिस्ट एसोसिएशन