इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Ekta Kapoor Case: अश्लील वेब सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं और भारतीय सेना के अपमान को लेकर अन्नपूर्णा पुलिस थाने में दर्ज एफआइआर को निरस्त कराने उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पहुंची निर्माता और निर्देशक एकता कपूर की याचिका पर शुक्रवार को बहस अधूरी रही। दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने एकता का पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया कि एकता की कंपनी मात्र ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है। जिस वेब सीरीज को लेकर एफआइआर दर्ज हुई है, एकता कपूर उसकी निर्माता-निर्देशक नहीं हैं।
लूथरा ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने न्यायालय में जो सीडी पेश की है, उससे भी स्पष्ट है कि वेब सीरीज का निर्माता-निर्देशक कोई और है, एकता कपूर नहीं। ऐसी स्थिति में एकता के खिलाफ दर्ज एफआइआर निरस्त की जाए। न्यायालय अब इस मामले में एक अक्टूबर को सुनवाई करेगी। तब तक एकता की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता वाल्मीकि शकरगाए ने 5 जून को अन्नपूर्णा पुलिस थाने में एकता कपूर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि एकता कपूर निर्माता-निर्देशक हैं। उनकी कंपनी एएलटी बालाजी सोशल मीडिया पर ट्रिपल एक्स वेब सीरीज चलाती है। कंपनी द्वारा दिखाए गए वेब सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं और भारतीय सेना का अपमान किया गया है। इसमें अश्लीलता है। पुलिस ने एकता कपूर के खिलाफ भादवि की धारा 294, 298, 34 और आइटी एक्ट की धारा 67 और 67 ए के तहत केस दर्ज किया है।
इस एफआइआर को खारिज करने मांग करते हुए कपूर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। न्यायालय ने पहली ही सुनवाई पर एकता को अंतरिम राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। एकता की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अभिभाषक विनय सराफ ने बताया कि शुक्रवार को बहस अधूरी रही है। न्यायालय एक अक्टूबर को शेष बहस सुनने के बाद फैसला लेगा कि एफआइआर निरस्त की जाए या नहीं।