नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। अनियमित जल कनेक्शनों को नियमित करने के उद्देश्य से तीन बार वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू करने के बावजूद अनियमित जल कनेक्शनों की संख्या कम नहीं हो रही। वर्तमान में शहर में 50 हजार से ज्यादा अनियमित या अवैध जल कनेक्शन हैं। इनमें से ऐसे कनेक्शनधारी भी शामिल हैं जिन्होंने जल कनेक्शन लेने के बाद से कभी जलकर ही जमा नहीं किया। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो बगैर कनेक्शन लिए ही अवैध रूप से जल का उपयोग कर रहे हैं।
वनटाइम सेटलमेंट योजना लागू करते वक्त नगर निगम के जिम्मेदारों ने चेतावनी देते हुए कहा था कि जो अवैध या अनियमित जल कनेक्शनधारी खाते को नियमित नहीं करवाएगा उसके खिलाफ पुलिस में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इक्का-दुक्का अवैध कनेक्शनधारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के बाद जिम्मेदार पुलिस में शिकायत करना ही भूल गए। ऐसी स्थिति में नियमित जलकर का भुगतान करने वाले खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। नगर निगम को अवैध और अनियमित जल कनेक्शनधारियों से करीब 100 रुपया लेना बाकी है।
इंदौर नगर निगम सीमा में लगभग पौने तीन लाख जल कनेक्शन हैं। इनमें से लगभग 60 हजार जलकर खाते अनियमित थे। यानी इन खातों में लंबे समय से जलकर ही जमा नहीं हो रहा था। नगर निगम ने इन अनियमित जल कनेक्शनों को नियमित करने के उद्देश्य से वनटाइम सेटलमेंट योजना लागू की थी। इसके तहत कोई भी बकायादार वर्ष 2022-23 तक की बकाया जलकर की राशि का पचास प्रतिशत जमा कर अपना खाता नियमित करवा सकता था। नगर निगम को उम्मीद थी कि योजना का लाभ लेते हुए ये 60 हजार अनियमित खाते नियमित हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
वनटाइम सेटलमेंट योजना एक-एक माह करके तीन बार बढ़ाई गई, लेकिन इसे लोगों का बहुत अच्छा प्रतिसाद नहीं मिल सका। 100 करोड़ रुपये अटके 50 हजार से ज्यादा अनियमित और अवैध जल कनेक्शनों में नगर निगम का लगभग 100 करोड़ रुपया अटका हुआ है। अंतिम बार इस योजना को 25 फरवरी 2025 तक लागू किया गया था। निगम ने दावा किया था कि योजना का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि आमजन अपने अनियमित जल कनेक्शन खाते को नियमित कराने पहुंचे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वसूली के लिए अभियान चलाएंगे जलकर के बकायादारों के खिलाफ सख्ती करते हुए वसूली अभियान चलाए जाएंगे। वन टाइम सेटलमेंट योजना के तहत हजारों खाते नियमित हुए हैं। इस योजना को जनता का अच्छा प्रतिसाद मिला है। नए कनेक्शनों के अनियमित होने की वजह से संख्या बढ़ी है। इसे नियंत्रित करने के लिए सख्ती की जाएगी। पुष्यमित्र भार्गव, महापौर इंदौर