इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। महिलाओं के लिए बने कानून पर सबका हक है। ऐसा नहीं है कि कोई महिला अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत करे तो सीधे प्रकरण दर्ज हो जाता है। कोई महिला अपनी सास या ननद को परेशान करती है, तो उसके खिलाफ भी शिकायत की जा सकती है। यह कहना है वन स्टाप सेंटर की प्रशासक डा. वंचनासिंह परिहार का। वे मंगलवार को नईदुनिया के फोन इन कार्यक्रम हेलो नईदुनिया में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थीं। चुनिंदा सवालों को हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं।
सवाल : कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें बहू ससुराल पक्ष के लोगों को सता रही है। ऐसे में हमें क्या करना चाहिए? पुरुषों की सुनवाई नहीं होती है। उन्हें सीधे आरोपित मान लिया जाता है। घरेलू हिंसा की शिकार पुरुष भी हैं। पुरुषों के लिए कोई हेल्पलाइन होनी चाहिए। -अशोक दशोरे, इंदौर
जवाब : हमारे पास ऐसे कई मामले में आते हैं, जिनमें सास अपनी बहू के खिलाफ केस दर्ज करवाती है। पीड़ित कोई भी हो सकता है। महिला, पुरुष या बच्चा। आज-कल विवाहेत्तर संबंधों के कारण इस तरह के मामलों में इजाफा हुआ है। हम ऐसे मामले आने पर पूरी जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हैं। दोनों पक्षों को बयान के लिए बुलाया जाता है। काउंसलिंग करके अधिकांश मामलों में सुलह हो जाती है।
सवाल : महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा की शिकायत हम कहां कर सकते हैं? -असलम दुलावत, राजू अग्रवाल
जवाब : महिलाएं उनके साथ हो रही किसी भी प्रकार की हिंसा की शिकायत वन स्टाप सेंटर पर कर सकती हैं, जो प्रदेश के हर जिले में है। महिला एवं बाल विकास के कार्यालय, परियोजना अधिकारी और 181 नंबर पर भी शिकायत कर सकती हैं। महिला थाने सहित थाने में बनी ऊर्जा डेस्क, डायल 100 और 112 पर भी शिकायत की जा सकती है।
सवाल : शिकायत करने पर ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया तो महिला कहां जाएगी। इस तरह का डर मन में बना रहता है। इस कारण महिलाएं शिकायत नहीं करती हैं। -रानी, इंदौर
जवाब : हम पीड़िता की पूरी मदद करते हैं। छावनी में हमने ऐसी महिलाओं के रहने-खाने की व्यवस्था की है। यहां महिला अपनी किसी भी उम्र की बेटी और 10 साल तक की उम्र के बेटे के साथ रह सकती है। यह व्यवस्था पूरी तरह से निश्शुल्क है।
सवाल : हम गांव में रहते हैं। मेरी दीदी को तलाक दिए बगैर उनके पति ने दूसरी शादी कर ली है। क्या करना चाहिए। -सुरेखा, देवास
जवाब : नियमानुसार पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर कोई दूसरी शादी नहीं कर सकता है। आप अपने गांव की आंगनवाड़ी दीदी से संपर्क करें। वे वहां की सुपरवाइजर या परियोजना अधिकारी से आपका संपर्क करवा देंगी। आप शिकायत कर भरण-पोषण के लिए दावा कर सकती हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग आपकी पूरी मदद करेगा।
सवाल : अक्सर देखने में आ रहा है कि विशेषकर ग्रामीण इलाके की महिलाएं लगातार घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में कुछ कर नहीं कर पाती हैं। इन्हें जागरूक करने के लिए क्या कर रहे हैं? -हुकुमचंद कटारिया, सनावद
जवाब : महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए हम डोर टू डोर सर्वे कर रहे हैं। इसके लिए बीट प्रभारी भी बनाए गए हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम में महिलाओं के लिए भी समान अधिकार हैं, चाहे वह शहर की हो या ग्रामीण। वहां की महिलाओं में जागरूकता लानी होगी, ताकि अत्याचार का विरोध कर सकें। उन्हें इस बात की जानकारी दी जानी चाहिए कि एक फोन पर उनकी शिकायत दर्ज हो सकती है। उन्हें मदद मिल सकती है। हालांकि अधिकांश विवाद में समझाइश से ही प्रकरण खत्म हो जाता है।
सवाल : महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही हैं, जिससे विवाद बढ़ रहे हैं। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। -नरसिंह कुंडलवाल
जवाब : ऐसे मामले अपवाद स्वरूप ही आते हैं। महिला-पुरुष दोनों को समान अधिकार प्राप्त हैं। दोनों के बीच किसी तरह का विवाद है तो महिलाएं हमें शिकायत कर सकती हैं। पुरुष भी परिवार परामर्श केंद्र पर शिकायत कर सकते हैं, जहां काउंसलिंग हो सकती है।