विनय यादव, नईदुनिया, इंदौर। कंप्यूटर ऑपरेटर की छोटी सी गलती स्वास्थ्य विभाग की एक महिला कर्मचारी पर गाज बनकर गिरी। ऑपरेटर को हिंदी अंकों का ज्ञान नहीं था, उसने हिंदी में लिखे सात के अंक को अंग्रेजी का छह समझ लिया और रिकॉर्ड में महिला की आयु 10 वर्ष बढ़ा दी। हिंदी में लिखे जन्म वर्ष १९७३ को 1963 समझ लिया। नतीजा यह हुआ कि 62 की आयु में सेवानिवृत्त होने वाली महिला कर्मचारी को 52 वर्ष की आयु में ही स्वास्थ्य विभाग ने सेवानिवृत्त कर दिया। महिला को इसका पता चला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने अधिकारियों से गुहार लगाई कि अभी उसकी आयु सेवानिवृत्त की नहीं हुई है। इससे संबंधित दस्तावेज भी पेश किए।
अधिकारियों ने जांच की तो गलती पकड़ में भी आ गई। बावजूद इसके चार माह बाद भी महिला को कोई राहत नहीं मिली है। मामला इंदौर के लाल अस्पताल में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ललिता यादव का है। पति दिलीप का वर्ष 2016 में निधन हो गया था, जिसके बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। ललिता की जन्म तारीख 12 मार्च 1973 है, जो मार्कशीट और सर्विस बुक में हिंदी अंकों में लिखी है। हिंदी में भी इसमें बारह मार्च तिहोत्तर लिखा हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के ऑपरेटर ने इसे अंग्रेजी अंक में वर्ष 1963 समझ लिया। इसके बाद विभाग के स्थापना प्रभारी जून ने ललिता को सूचना दी गई कि शासन ने उनको सेवानिवृत्त कर दिया है।
इस संबंध में कार्यालय में उन्होंने कार्यालय में बताया भी कि जन्म वर्ष में गलती हुई है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उच्चाधिकारियों से शिकायत की तो अधिकारियों ने जांच की। इसमें सामने आया है कि गलती हुई है। इसके बाद सिविल सर्जन द्वारा संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के वरिष्ठ संयुक्त संचालक को सुधार कर जून से रुके वेतन को देने के लिए कई पत्र लिखे जा चुके हैं। इनमें लिखा है कि ललिता की जन्म तारीख 12-03-1973 है, लेकिन आइएफएमआइएस पोर्टल में 12-03-1963 उल्लेखित हो रहा है। इस कारण कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गई हैं। इसमें सुधार किया जाए।
10 साल पहले सेवानिवृत्त किए जाने के बाद विधिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ललिता अपने कार्यरत स्थल अस्पताल में प्रतिदिन कार्य पर जा रही हैं। मामला फंसा होने की वजह से अधिकारी न उन्हें काम से रोक पा रहे हैं, न नियमित कर पा रहे हैं।
'महिला कर्मचारी की जन्म तारीख में गलती हुई है, जिसके कारण वह समय से पहले सेवानिवृत्त हो गई है। हमने सुधार के लिए भोपाल स्थित संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र लिखे हैं। वहां से जल्द ही सुधार हो जाएगा।'
- डॉ. जीएल सोढ़ी, सिविल सर्जन