नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। रीजनल पार्क क्षेत्र के थोक पटाखा मार्केट को लगे करीब 20 दिन हो गए हैं। सुरक्षा और मनमानी के हाल ये हैं कि यहां अब तक फायर ब्रिगेड की तैनात नहीं की गई है। व्यापारी शिकायत कर रहे हैं कि प्रत्येक अस्थायी दुकान से डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा वसूले गए। बावजूद सुरक्षा इंतजामों की कमी है। इस सबके बीच व्यापारियों ने लाइसेंस किराए पर चलाने से लेकर मार्केट के बाहर मुख्य मार्ग पर अवैध दुकानें लगवाने के आरोप भी लगाए हैं।
नवरात्र के पहले से ही रीजनल पार्क के सामने पटाखा मार्केट सज गया है। यहां दुकान और लाइसेंस आवंटन में मनमानी की शिकायत हुई। दरअसल दुकान तो पहले ही लग गई, लेकिन लाइसेंस मंगलवार को जारी हुए। पटाखा व्यापारी एसोसिएशन ने घोषणा कर दी कि 41 लाइसेंस ही जारी किए जाएंगे।
प्रशासन ने भी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के कहने पर हामी भर दी। इस बीच लाइसेंस फीस के अलावा दुकान बनाने और अन्य खर्च के नाम पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सभी 41 दुकानदारों से प्रति दुकान 1.50 लाख रुपये से ज्यादा पहले ही ले लिए थे। इनमें कम से कम आठ ऐसे लाइसेंस बताए जा रहे हैं, जो खुद व्यापार करने की बजाय दुकान किराए पर दे रहे हैं।
इस बीच असल में कारोबार कर रहे व्यापारियों ने सवाल खड़ा किया कि दुकान लगने और भारी मात्रा में पटाखे वहां होने के बाद भी फायर ब्रिगेड की तैनाती को लेकर एसोसिएशन गंभीर नहीं है। प्रशासन के साथ मिलकर मनमाने तरीके से व्यापारियों की बजाय अन्य लोगों को लाइसेंस जारी करवाए जा रहे हैं, जबकि एसोसिएशन का गठन भी व्यापारियों की सहमति से नहीं किया गया है।
सभी दुकानदारों से 60 लाख रुपये से ज्यादा इकट्ठे किए जा चुके हैं, लेकिन इसका हिसाब भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा। प्रशासन भी लाइसेंस के आवेदन से लेकर लाइसेंस की प्रति एसोसिएशन के कुछ लोगों को दे रहा है न कि असल लाइसेंसधारी को। ताकि लाइसेंस किराए पर देने का धंधा चलता रहे। दुकान आवंटन के लिए ड्रा भी प्रशासन ने नहीं बल्कि कुछ लोगों ने बैठकर कर लिया।
मंगलवार को हमने फायर ब्रिगेड तैनाती के लिए पुलिस अधिकारियों से बात की है। लाइसेंस लेने वालों में 36 तो रानीपुरा के पुराने व्यापारी हैं। शेष पांच लाइसेंस अधिकारियों ने अपने हिसाब से जारी किए हैं। 41 दुकानों की संख्या प्रशासन ने अपने हिसाब से तय की है। जमीन के किराए के लिए आइडीए को 2.61 लाख रुपये दिए गए हैं। बाकी हिसाब मैं देखकर बता सकूंगा। - शंकर होतचंदानी, अध्यक्ष पटाखा व्यापारी एसोसिएशन