इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Hello Naidunia Indore । बगीचा बनाने से पहले तय करें कि बगीचा सजावटी चाहते हैं पोषक गुणों वाला। कोरोनाकाल के बाद पौषक गुणों वाले बगीचे का चलन बहुत बढ़ा है। बगीचा चाहे टैरेस, क्यारी या गमलों के रूप में हो उसकी मिट्टी का बहुत ध्यान रखें। मालवा में काली मिट्टी है जिसका गुण चिपकना है और जब पानी की निकास व्यवस्था बेहतर हो। मिट्टी तैयार करने, पौधों के चयन, उन्हें लगाने का स्थान, उनमें डाली जाने वाली दवाई, खाद का बहुत ध्यान रखना चाहिए। यह जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र कस्तूरबा ग्राम के उद्यान विशेषज्ञ डा. डीके मिश्रा ने मंगलवार को नईदुनिया द्वारा आयोजित हेलो नईदुनिया कार्यक्रम में दी।
औषधीय पौधों की बागवानी, परेशानियां और उनके समाधान विषय पर हुए हेलो नईदुनिया कार्यक्रम में डा. मिश्रा ने संबंधित विषय पर पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए बताया कि बेहतर बागवानी के लिए जरूरी है कि मिट्टी सही ढंग से तैयार की जाए। यदि काली मिट्टी है तो एक तगारी काली मिट्टी में एक तगारी लाल मिट्टी या पानी में घुलने वाली मुरम या बालू रेत और एक तगारी सड़ी हुई गोबर खाद मिलाकर ही पौधे लगाएं। इस मिश्रण में 100 ग्राम नीम खली मिलाना और भी बेहतर होगा। गमला हो या जमीन पानी के निकास की व्यवस्था बेहतर रखें ताकि पौधों की जड़ को भी हवा मिल सके। जल जमाव पौधों को नुकसान पहुंचाता है।
सवाल- गुलाब के पौधे में कीड़ा लगने पर क्या करें? -राजू अग्रवाल, देवास
जवाब- गुलाब या अन्य सजावटी पौधे को दो साल में एक बार गमले से निकाल लें। मिट्टी में खाद, नीमखली, मुरम या बालूरेत मिलाकर नई मिट्टी तैयार करें और दुबारा पौधा लगा दें। यदि गुलाब के तने पर फफूंद लगी हो तो घास या कपड़े से उसे रगड़कर निकाल दें। गुलाब के पौधे को नमी चाहिए पानी नहीं।
सवाल- घर में लगे अनार के पौधे के फूल गिर जाते हैं क्या करें? -असलम खान, हरसोद कला
जवाब- अनार के फूलों पर कीड़ा लग जाता है जो उसके भीतर जाकर फल बनने से पहले ही उसे खा लेता है। फूल आने पर फूल को कपड़ा, पोलेथिन या विशेष तरह के कागज से ढंक दें ताकि उसमें कीड़ा न लग पाए। अनार में सतत पानी न दें।
सवाल- मिर्ची-टमाटर के पौधों के पत्ते मुड़ जाते हैं और इनके पत्तों पर सफेद धारी है क्या करें? -विनोद मूणत, बोरखेड़ा, अशोक कुमार, इंदौर
जवाब- मिर्ची-टमाटर के पौधे जहां लगे हों वहां जल निकास बेहतर हो। फिर भी पत्ती सिकूड़ रही हो तो जैविक कीटनाशक एस्पीनोसीड या नीम के तेल का का छिड़काव करें। यदि कुछ पत्तों पर सफेद धारी है तो उन पत्तों को तोड़ जमीन में गाड़ दें। कीड़ों से बचाने के लिए पीले या नीले गत्ते पर ग्रीस या गोंद लगाकर पौधों के पास लगा दें। इससे कीड़े उनपर चिपक जाएंगे। पौधे गमले में हैं तो उन्हें पौधों की जाली में भी रख सकते हैं।
सवाल- पौधे बड़े हो गए पर उनमें सब्जी क्यों नहीं लग रही? -हिमांशु दुबे, इंदौर
जवाब- मिट्टी में कच्ची खाद, कच्चा कोकोपीट न डालें। इससे दीमक लगती है। मिट्टी सही ढंग से तैयार करें और पानी विवेकपूर्ण ढंग से डालें। करेला, गिल्की आदि की बेल लगी है तो सुनिश्चित करें कि वहां मधुमक्खी भी हो ताकि मादा पुष्प पर नर पुष्प के परागकण पहुंचाए जा सकें। बैगन, भिंडी, मिर्ची, टमाटर 18 इंच के गमले में लगाएं। इन्हें पर्याप्त धूप मिले।
सवाल- पुदिना, सीताफल और सूरजना अब खराब होने लगा है क्या करें? -शिल्पांजली शिंदे, वीणा लड्ढ़ा, इंदौर
जवाब- पोदिना निकालकर उसे काट दें और नई मिट्टी तैयार कर उसे दुबारा लगाएं। पुदिने को धूप में रखें। यदि सूरजना का पेड़ पुराना है तो उसकी छंटाई कर दें। नई फुटान लेकर वह फल देगा। यदि मौसमी सूरजना है और गमले में लगा है तो 2-3 साल बाद उसे हटाकर नया पौधा लगाएं। सीताफल जहां से सूख रहा है उस स्थान से थोड़ा नीचे से उसे काट दें। नई फुटान फल देगी।