इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्वालियर एडेडमी आफ पीडियाट्रिक्स की आनलाइन संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें कोरोना की तीसरी लहर पर चर्चा हुई। इस अवसर पर देश में कोविड-19 के टीकाकरण मामलों के विशेषज्ञ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सेफ्टी नेट ग्रुप के सदस्य रह चुके डा. विपिन वशिष्ठ ने कहा है कि आने वाले समय में विज्ञान की प्रगति की बदौलत भारत में कोरेाना या अन्य महामारी की रोकथाम के लिए 'टवेंटी इन वन वायल" अर्थात बीस बीमारियों को एक ही इंजेक्शन से रोकने वाले टीके का निर्माण संभव है। यह वैश्विक (यूनिवर्सल) टीका भी बन सकता है। वर्तमान में दुनिया में कोरोना के खिलाफ नौ तरह के टीके उपलब्ध है। सबका उपयोग एवं असर अलग-अलग है लेकिन भारतीय टीका कई मानकों में बेहतर है, इसलिए भारतीय टीके को अवश्य लगवा लें। विदेशी टीके का इंतजार न करें।
आनलाइन संगोष्ठी में देश के अनेक जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया। संगोष्ठी में कुल चार सत्र आयोजित किए गए, इसमें पहले सत्र में बड़ी उम्र के कोरोना मरीजों पर ग्वालियर मेडिकल कालेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. धीरेन गुप्ता एवं दूसरे सत्र में प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. स्वाति घाटे ने भी अपने विचार रखें। अध्यक्षता डा. रश्मि गुप्ता एवं डा. मुकुल तिवारी ने की। प्रारंभ में एकेडमी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डा. प्रदीप जैन एवं सचिव डा. प्रियंका गुप्ता नीखरा सहित अन्य पदाधिकारियों ने एकेडमी की भावी योजनाएं बताई और वरिष्ठ चिकित्सकों का मार्गदर्शन मांगा।
किसने क्या कहा
एक वर्ष में एक हजार से ज्यादा मरीजों का उपचार कर चुके डा. धीरेन गुप्ता ने कहा कि कोई भी महामारी हमेशा नहीं रहती, उसे कभी न कभी खत्म होना ही है। उन्होंने कहा कि मरीज को स्टेराइड का प्रयोग कब शुरू करना और कहां रोकना, इसकी पूरी मानिटरिंग होना चाहिए।
मनोविज्ञानी चिकित्सक डॉ. स्वाति घाटे ने कहा कि हर महामारी कुछ सबक देकर जाती है, कोरोना की तीसरी लहर से अभी से सजग हो जाना चाहिए। बेहतर होगा कि पालक किसी भी तरह के नए लक्षण नजर आने पर अपने शिशु रोग विशेषज्ञ से संपर्क में रहें। उन्होंने डाक्टर्स को तीसरी लहर के दौरान संभावित उपायों के टिप्स भी दिए।
डा. विपिन वशिष्ठ ने डाक्टर्स के प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने काफी तरक्की कर ली है और संभव है कि हम आने वाले दिनों में 20 बीमारियों की रोकथाम के लिए एक ही टीका भी बना सकते हैं। अभी जो टीके दुनिया भर में मौजूद है उनमें भारतीय वैक्सीन कई मानकों में बेहतर है इसीलिए टीका जरूर लगवाये और विदेशी वैक्सीन का इंतजार न करें।
तीसरे सत्र में मुम्बई के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ और आईएपी के पूर्व अध्यक्ष डा. बकुल पारेख ने कोरोना महामारी के संदर्भ में कहा कि तीसरी लहर में कोरोना की ताकत बढ़ सकती है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने इस संदर्भ में एक एडवायजरी जारी कर सभी शिशु रोग विशेषज्ञों को तीसरी लहर के लिए तत्पर रहने का संकल्प व्यक्त किया है। बच्चों में कोविड की बीमारी प्राय: जानलेवा नहीं होती, लेकिन पालकों को पूरा ध्यान रखना होगा। डा. पारेख ने ग्वालियर के शिशु रोग विशेषज्ञों को कोविड उपचार के नए प्रोटोकॉल की जानकारी भी दी। अंत में एकेडमी की सचिव डा. प्रियंका गुप्ता नीखरा ने आभार माना।