
उदय प्रताप सिंह, इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर शहर में कर मुक्त व्यापार की शुरुआत 1716 में हुई थी। उस समय इंदौर के शासक राव राजाराव नंदलाल मंडलोई को इंदौर को विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में स्थापित करने के लिए सनद मुगल दरबार से प्राप्त हुई थी। इस सनद को जयपुर के राजा सवाई राजा जय सिंह एवं पुणे के शासक बाजीराव पेशवा ने भी मान्य किया था। इसके बाद इंदौर से किए जाने वाले व्यापार को कर मुक्त किया गया था। इसी वजह से जूनी इंदौर स्थित बड़ा रावला का जमींदार परिवार तीन मार्च 1716 को मुगलों से मिली सनद के उपलक्ष्य में छह साल से प्रति वर्ष इंदौर का स्थापना दिवस मनाता आ रहा है। इसके हिसाब से मंगलवार को इंदौर में कर मुक्त व्यापार की शुरुआत को 304 वर्ष हो चुके हैं।
जमींदार परिवार के राव राजा श्रीकांत मंडलोई के मुताबिक इंदौर पहले कंपेल से भी छोटा हुआ करता था। वर्ष 1700 से पहले कंपेल में नंदराव मंडलोई शासक थे। उस समय कंपेल के अंतर्गत आठ कचहरियां व 80 गांव थे। इसमें से एक कचहरी इंदौर में वर्तमान में जूनी इंदौर स्थित बड़ा रावला में थी। 1698 में बड़ा रावला की कचहरी में घोड़ा चोरी होने का केस पहुंचा था। इसमें इंदौर से चोरी हुआ घोड़ा देवास में मिला था। उसे इंदौर के संबंधित व्यक्ति को वापस लौटाने का आदेश दिया था। इस प्रकरण में इंदौर का नाम उल्लेखित है।
सनद में लिखी फारसी तारीख 'रबी उल अव्वल' से हुई पहचान
मुगलों की ओर से इंदौर में कर मुक्त व्यापार के लिए जो सनद राजाराव नंदलाल मंडलोई को दी गई थी, उस सनद में फारसी कैलेंडर की तारीख के रूप में 'रबी उल अव्वल' लिखा हुआ था। ऐसे में जमींदार परिवार ने उस शब्द का अनुवाद व प्रमाणीकरण लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी व फारसी एक्सपर्ट से करवाया। इससे स्पष्ट हुआ कि यह तारीख अंग्रेजी कैलेंडर की 3 मार्च 1716 है। इसके बाद से जमीदार परिवार ने इंदौर में इस तारीख को शहर का स्थापना दिवस मनने की शुरुआत की।
कर मुक्त व्यापार का दर्जा कायम रखने के लिए हुई तिरला की लड़ाई
इंदौर को मुगल दरबार से कर मुक्त व्यापार की सनद मिलने के बाद भी मुगल सूबेदार मोहम्मद शाह रंगीले इंदौर से चारबाड़ी चौथ वसूल रहा था। उस दौरान इंदौर में सूखा पड़ा था और उसके बाद भी यहां के लोगों से चौथ वसूले जाने के कारण शहरवासी त्राहि-त्राहि कर रहे थे। ऐसे में राव राजा नंदलाल के नेतृत्व में हजारों सैनिकों ने तिरला में मुगल सूबेदार मोहम्मद शाह रंगीले के साथ लड़ाई लड़ी और इंदौर के कर मुक्त व्यापार का दर्जा कायम रह सका। इस युद्ध में इंदौर के 13 हजार सैनिक शहीद हुए थे। इस लड़ाई में राव राजा नंदलाल को काफी चोट आई, जिससे एक माह बाद उनका निधन हो गया।
छह लोगों का किया जाएगा सम्मान, आएंगे नगरीय प्रशासन मंत्री
इंदौर स्थापना दिवस के आयोजक युवराज वरदराज मंडलोई जमींदार के मुताबिक इंदौर के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में बड़ा रावला परिसर में तीन मार्च को शाम 7 बजे इंदौर शहर के निस्वार्थ सेवा करने वाले छह लोगों का सम्मान किया जाएगा। इसमें नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह शामिल होंगे। इसके अलावा रात 8 बजे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें गीतकार जगदीश सोलंकी, हास्य कवि बलवंत 'बल्लू', गजल गायक डॉ. कविता किरण, हास्य व व्यंग्य कवि तेज नारायण बेचैन, हास्य कवि हृदयेश चतुर्वेदी सहित कई कवि शामिल होंगे।