जितेंद्र यादव, इंदौर। राजस्थान से इंदौर आकर चतुराई से यहां संजीवनी नामक सहकारी संस्था बनाई। सहकारिता अधिकारियों ने भी बिना जांचे-परखे संभाग स्तर की संस्था का पंजीयन कर दिया। इस संस्था ने निवेश की लुभावनी योजनाएं बताकर चार हजार से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये जमा कराए। निवेश के नाम पर लिया गया धन राजस्थान और दुबई तक भिजवाया जाता रहा। लोग समझ पाते, इससे पहले ही संस्था के कर्ताधर्ता दफ्तर और रुपये समेटकर फरार हो गए। यह कारगुजारी है संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की जो छह-सात महीने की जांच के बाद सामने आई। सहकारिता अफसरों ने जांच की रस्म अदायगी कर दी, लेकिन जमाकर्ताओं का धन मिलेगा या नहीं, फिलहाल इसकी कोई गारंटी नहीं दिखती। संस्था के संचालक चार साल तक इंदौर शहर और आसपास के जिलों में 17 शाखाएं खोलकर जनता को ज्यादा ब्याज का लालच देकर पैसा जमा कराते रहे, लेकिन जिस सहकारिता विभाग में संस्था का पंजीयन हुआ, उसके अधिकारी चार साल तक आंखें मूंदकर बैठे रहे। संस्था का पंजीयन वर्ष 2016 में किया गया। इसके बाद दो बार संस्था के ऑडिट भी हुए लेकिन इसमें कोई घपला नहीं पकड़ पाया।
पॉश एरिया में खोला दफ्तर, फिर ऐसे होता रहा घोटाला
- राजस्थान के बाड़मेर में संजीवनी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी के नाम से एक संस्था पहले से चल रही थी। इस संस्था ने मध्यप्रदेश में भी काम करने के लिए भारत शासन के सेंट्रल को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार से अनुमति मांगी। अनुमति न मिलने पर सोसायटी के संचालकों ने इंदौर में संभाग स्तरीय संस्था का पंजीयन कराया।
- राजस्थान की सोसायटी में कार्यरत भूपेंद्रसिंह तेली से इस्तीफा दिलवाकर उसे इंदौर में सोसायटी खोलने के लिए भेजा। इंदौर के लक्ष्मणसिंह शर्मा की मदद से संभागीय स्तर की सोसायटी का पंजीयन कराया गया। पंजीयन के लिए 51 सदस्यों को धोखे में रखकर उनके दस्तावेज लिए। वर्ष 2016 में संस्था का पंजीयन हुआ। संस्था का पंजीयन सहकारी निरीक्षक एचपी गोयल ने किया और बाद के वर्षों में ऑडिट भी गोयल और केएल कोरी ने किया।
- इंदौर शहर के पॉश एरिया पलासिया क्षेत्र में संस्था का जोनल कार्यालय खोला गया। इसके अलावा पलासिया, कालानी नगर, राऊ, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, मनावर, कुक्षी, झाबुआ, बदनावर, राजोद, सागौर कुटी, राजगढ़, बड़वाह सहित 17 शाखाएं खोली गईं। इनमें स्थानीय स्तर के लोगों को प्रबंधक और एजेंट बनाकर उनके जरिए सदस्य बनाए गए।
- सदस्यों को अधिक ब्याज की लुभावनी योजनाएं बताकर 25 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा करा ली गई। यह राशि ओणम प्लाजा स्थित आईसीआईसीआई बैंक में संस्था के खाते में जमा होती रही। एक तरफ धन जमा होता रहा, दूसरी तरफ यह इंदौर मुख्यालय के जरिए राजस्थान और दुबई भेजा जाता रहा।
- संस्था के पदाधिकारी नेपालसिंह और राजकुमार व्यास द्वारा खातों से राशि निकालकर फर्जी रूप से संदीप भूरिया को ऋण देना दिखाया जाता रहा। फिर नेपालसिंह, व्यास, महेंद्रसिंह राठौर और धर्मेंद्र कुवासिया द्वारा यह राशि राजस्थान में संजीवनी मल्टी स्टेट सोसायटी के कर्ताधर्ता किशनसिंह चुली और विक्रमसिंह इंद्रोई को भेजी जाती थी। यह सब मध्यप्रदेश के राज्य प्रबंधक मोहनसिंह कोरडा के निर्देश पर किया जाता था। ये सभी राजस्थान के अलग-अलग इलाकों के हैं।
- संस्था के दस्तावेज में गणेशपुरी ऋण शाखा से लोन वितरित होना बताया गया, लेकिन वास्तव में संस्था की इस नाम से कोई शाखा नहीं है। सदस्यों से धन जमा कराने के लिए विचित्र प्रकार की योजनाएं बनाई गईं। इनमें संबल योजना खाता, सदस्य नवरंग खाता, सदस्य 33 जमा योजना, सदस्य 17 जमा योजना, सदस्य सिल्वर योजना खाता, सदस्य डायमंड योजना खाता, सदस्य सुपर योजना, सदस्य धनलक्ष्मी योजना, लक्ष्मी बिटिया खाता न्यू जैसी कई अन्य भ्रामक योजनाएं शामिल हैं।
15 पदाधिकारी और कर्मचारी दोषी, दर्ज होगी एफआईआर
अब चार सहकारिता अधिकारियों की टीम ने संस्था की जांच कर रिपोर्ट पेश की है। इसमें संस्था के 15 पदाधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है। संयुक्त आयुक्त सहकारिता जगदीश कनौज ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गबन की राशि वसूलने के लिए सक्षम न्यायालय में केस लगाने के लिए कहा है।
ये ठहराए गए दोषी
- जगदीश रूपलाल तेली (नामांकित अध्यक्ष) जनता कॉलोनी सुभाष मार्ग, इंदौर
- सोहन मोहन जोशी (नामांकित उपाध्यक्ष), गोडबोले कॉलोनी इंदौर
- हेमलता तरुण थरपाल (नामांकित उपाध्यक्ष), घासीराम कोतवाल मार्ग, रामकृष्णगंज, खंडवा
- दुर्गासिंह नारायणसिंह (निर्वाचित अध्यक्ष), नंदानगर
- हाथी सिंह राजू सिंह (निर्वाचित उपाध्यक्ष), गांव बस्तरा, बालेसर, जोधपुर (राजस्थान)
- प्रदीप दिलीप जावा (निर्वाचित उपाध्यक्ष), राजनगर इंदौर
- विक्रमसिंह छुगसिंह इंद्रोई, उम्मेद भवन, रेसीडेंसी जोधपुर (फिलहाल उदयपुर जेल में)
- किशनसिंह चुली, तनसिंग सर्कल, कमलसिंह मास्टर के मकान के पास, बाड़मेर, (अभी जयपुर जेल में)
- मोहनसिंह शैतानसिंह कोहड़ा, हाथी सिंह का गांव, तहसील शिव, जिला बाड़मेर
- राजकुमार नंदलाल व्यास, दर्जियों का वास, सियार, सोजत सिटी, पाली (राजस्थान)
- नेपालसिंह मोहनसिंह राठौर, ग्राम बाली पोस्ट मांडा, पाली
- भूपेंद्रकुमार तेली, प्रताप कॉलोनी, पहाड़ा, उदयपुर
- लक्ष्मण शर्मा, अहिल्या नगर, अन्नपूर्णा रोड इंदौर
- धर्मेंद्र भगवानलाल कुवासिया, बस स्टैंड छायापति रोड, जयसमंद (राजस्थान)
- महेंद्रसिंह प्रेमसिंह राठौर, भाटियों की ढाणी, बिदासर, बाड़मेर