
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: भूने चने को अधिक चमकदार और आकर्षक दिखाने के लिए कुछ व्यापारी उसमें अखाद्य औद्योगिक रंग मिला रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है। यह मामला भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) के संज्ञान में आने के बाद विभाग ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
एफएसएसआई द्वारा देशभर के सभी आयुक्त खाद्य सुरक्षा को निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें भूने चने की विशेष जांच करने को कहा गया है। इसी क्रम में मंगलवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने इंदौर के सियागंज क्षेत्र में जांच अभियान चलाया। अभियान के दौरान भूने चने में संभावित रूप से उपयोग किए जा रहे अखाद्य औद्योगिक रंग ‘आरामाइन’ की जांच की गई।
जांच के दौरान श्री मां वैष्णो ट्रेडर्स और जैन चना परमल से भूने चने के कुल चार नमूने लिए गए। इन नमूनों को जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद संबंधित कारोबारियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले भोपाल मुख्यालय द्वारा गठित संभागीय खाद्य उड़नदस्ता भी चने के चार नमूने ले चुका है। अधिकारियों के अनुसार आरामाइन एक औद्योगिक रंग है, जिसका उपयोग कपड़ा और कागज उद्योग में किया जाता है और खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आरामाइन के सेवन से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, एलर्जी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक इसका सेवन लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।