इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। 11 दिवसीय गणेशोत्सव के पहले दिन खजराना गणेश के दर्शन करने ढाई लाख लोग पहुंचे। मंदिर में भगवान का स्वर्ण मुकुट व हीरे के आभूषणों से श्रृंगार किया गया था। आकर्षक स्वरूप को देखने के लिए रात से ही श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। मंदिर प्रबंधन व प्रशासन ने गणेशोत्सव को देखते हुए दर्शन व सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए थे। भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश कराने के बजाय चार-चार की कतार में दर्शन कराए गए।
सुबह मंदिर में भीड़ बढ़ने पर बाहर तक लंबी लाइन लगी रही। ध्वज पूजन के दौरान कलेक्टर निशांत वरवड़े, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मंदिर के पुजारी अशोक भट्ट और मोहन भट्ट, ने बताया इस वर्ष भगवान का हर रोज मोतियों व आभूषणों से श्रृंगार किया जाएगा। भक्तों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पूरी व्यवस्था की गई है। मंदिर में लगभग ढाई सौ लोग एक साथ भगवान के दर्शन कर सकें, ऐसी व्यवस्था की गई है। गुरुवार को लखनऊ से आए जायसवाल परिवार ने 51 हजार मोदक का प्रसाद भगवान को चढ़ाया।
राजस्थानी वेशभूषा में आए भगवान
मरीमाता चौराहा स्थित श्रीसिद्ध विजय गणेश मंदिर में राजस्थानी वेशभूषा में श्रीगणेश को स्थापित किया गया। 11 विद्वानों ने दूध एवं फल-फूल से अभिषेक कर छप्पन भोग समर्पित किए। मंदिर के चारों ओर एक-एक किलोमीटर तक आकर्षक विद्युत सज्जा की गई। मंदिर के गर्भगृह से लेकर समूचे परिसर को फूलों से सजाया गया। समाजसेवी पंडित विष्णु प्रसाद शुक्ला, पूर्व पार्षद राजेंद्र शुक्ला, विधायक राजेंद्र वर्मा आदि की उपस्थिति में महाआरती के पूर्व छप्पन भोग समर्पित किए गए। संयोजक गोलू शुक्ला एवं श्रवण शुक्ला ने बताया सिद्ध विजय गणेश के श्रृंगार दर्शन के लिए भीड़ रही।
नगम में भी विराजित
नगर निगम गणेशोत्सव समिति ने निगम प्रांगण में पंडाल लगाकर गणेश स्थापना की है। महापौर मालिनी गौड़ ने पूजन किया। गणेश प्रतिमा को राजवाड़ा से शोभायात्रा निकालकर लाया गया। हर रोज शाम को 5.30 बजे आरती की जाएगी। स्थापना के दौरान सभापति अजयसिंह नरूका, सूरज कैरो, सुधीर देडगे, संतोषसिंह गौड़, हरीश नागर व अन्य उपस्थित रहे।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इंदौर के राजा की स्थापना
विजय नगर चौराहे पर इंदौर के राजा की स्थापना वैदिक मंत्रोच्चार से की गई। इस बार अक्षरधाम की प्रतिकृति बनाई गई है। सवा लाख स्क्वेयर फीट के मैदान में इंदौर के राजा को देखने के लिए भीड़ उमड़ी। आलोक दुबे फाउंडेशन द्वारा इंदौर के राजा की स्थापना की गई। लगभग एक लाख लोगों ने दर्शन किए। यहां के पंडाल में हर श्रद्धालु का 10 करोड़ का बीमा किया गया है। अक्षरधाम की प्रतिकृति पर आकर्षक लाइट व साउंड की व्यवस्था की गई है। दुधिया रोशनी के साथ ही सतरंगी प्रकाश से विशाल प्रतिकृति को जीवंत कर दिया। गणेशोत्सव के पहले दिन सुरचैतन्य कला केन्द्र के कलाकारों द्वारा संत सिंगाजी के जीवन परिचय की प्रस्तुति अनोखे अंदाज में दी गई।
जयरामपुर कॉलोनी में विराजित हुए कृष्ण रूपी गणेश
सिंधी बाहुल्य क्षेत्र में गणेशोत्सव की शुरुआत भव्य शोभायात्रा के साथ की गई। जयरामपुर कॉलोनी में इस वर्ष गणेशोत्सव में वृंदावन की प्रतिकृति बनाई गई है, जिसमें भगवान गणेश कृष्ण रूप में माता यशोदा के साथ दिखाई दे रहे हैं। गुरुवार को रहवासियों एवं सार्वजनिक महोत्सव समिति द्वारा भगवान की स्थापना प्रेम मंदिर में की गई। अध्यक्ष प्रकाश लालवानी एवं सचिव अनिल आगा ने बताया कि 10 दिनी महोत्सव में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के 9 स्वरूपों में दर्शन कर सकेंगे। श्रीधाम वृंदावन की प्रतिकृति इस वर्ष 40 बाय 60 फीट के पंडाल में बनाई गई है। यहां भागवत कथा 14 से 20 सितंबर तक प्रतिदिन शाम 4 बजे होगी। 14 को सुबह 10 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी।
संगम नगर में मिट्टी के गणेश स्थापित
संगम नगर गणेश उत्सव समिति ने घरों से तुलसी की मिट्टी व गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमा स्थापित की। समिति ने 51 नंबर पुलिस चौकी से राम मंदिर तक शोभायात्रा निकाली। राजेंद्र नगर में महाराष्ट्र एवं तरुण मंच के तत्वावधान में यात्रा निकाली।