महिलाओं की ऊर्जा और बच्चों के उत्साह से सराबोर गरबा उत्सव
सभी आयु वर्ग के लोग गरबा की लय में झूमते दिखाई देते हैं। “गजानना गजानना गजराया” जैसे गीतों पर पूरा वातावरण और भी आध्यात्मिक और उल्लासमय हो उठता है। यहां का गरबा केवल नृत्य भर नहीं, बल्कि मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा, प्रेम और कृतज्ञता का प्रतीक बन जाता है।
Publish Date: Sat, 27 Sep 2025 05:49:38 PM (IST)
Updated Date: Sat, 27 Sep 2025 05:49:38 PM (IST)

इंदौर। नवरात्रि भारतीय संस्कृति का अनुपम पर्व है, जो मां दुर्गा की आराधना और भक्ति के साथ समाज में एकता, उत्साह और उमंग का संदेश देता है। इस पर्व का सबसे आकर्षक और मनमोहक रंग है गरबा, जो शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा को समर्पित होता है।
निपानिया स्थित शिव वाटिका कॉलोनी में सोसायटी कोर कमेटी लगातार आठ वर्षों से इस पावन पर्व को गरबा रास के माध्यम से भव्य रूप में मना रही है। यहां हर शाम देवी मां की महिमा गूंज उठती है और श्रद्धालु पूरे हर्षोल्लास के साथ गरबा में मग्न हो जाते हैं।
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इस उत्सव की सबसे बड़ी विशेषता है – महिलाओं की ऊर्जा और बच्चों का उत्साह। महिलाएं पूरे जोश और भक्ति के साथ “ऐ गिरि नंदिनी, विश्व विनंदिनी”, “खेल खेल रे भवानी”, और “साची रे मारी सात रे भवानी मां” जैसे भक्ति गीतों पर गरबा करती हैं। वहीं, बच्चे भी पीछे नहीं रहते और “मोती वेऱाणा”, “रामतावे मड़ी”, “जय माय भवानी”, “घोर अंधारी रे”, “गोरी राधा ना काला” और “झूम झूम झूम मारा” जैसे गीतों पर खूब धूम मचाते हैं।
सभी आयु वर्ग के लोग गरबा की लय में झूमते दिखाई देते हैं। “गजानना गजानना गजराया” जैसे गीतों पर पूरा वातावरण और भी आध्यात्मिक और उल्लासमय हो उठता है। यहां का गरबा केवल नृत्य भर नहीं, बल्कि मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा, प्रेम और कृतज्ञता का प्रतीक बन जाता है।
शिव वाटिका कॉलोनी का यह गरबा उत्सव वास्तव में उस सच्ची नवरात्रि भावना को जीवंत करता है, जिसमें समाज, संस्कार और संस्कृति का अद्भुत संगम दिखाई देता है।