- घरेलू तरीकों से भी हो सकती है अच्छी गार्डनिंग
इंदौर (नईदुनिया रिपोर्टर)। बारिश का मौसम बागवानी के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। इस मौसम में हर तरफ हरियाली नजर आती है जिसका हमारे मनोभाव पर भी प्रभाव पड़ता है और घर में पौधे लगाने की हमारी इच्छा प्रबल हो जाती है। असल में इस मौसम में पौधे लगाने के बाद उनका अतिरिक्त ध्यान नहीं रखना पड़ता। खासतौर पर पानी की समस्या नहीं होती और ना ही धूप से पौधों के जल जाने का डर होता है। बस ध्यान रखना होता है कि पौधों में अतिरिक्त जल जमाव न हो।
इस मानसून में भी लोग पौधे तो लगाना चाहते हैं पर कोरोना संक्रमण की वजह से पौधे, खाद, कीटनाशक और बागवानी के लिए जरूरी सामग्री लेने के लिए बाहर जाने से कतराते हैं। लोगों की कोशिश है कि घरों में ही मौजूद संसाधनों का इस्तेमाल कर बागवानी की जा सके। हाल ही में शहर में इसी बात को ध्यान में रखकर कुछ ऑनलाइन कार्यशालाएं भी आयोजित हुई। इनमें खासी संख्या में बागवानी के शौकीनों ने भाग लिया। इस बारे में हमने शहर के बागवानी विशेषज्ञों से चर्चा कर जाना कि आखिर सीमित साधनों से कैसे बेहतर बागवानी की जा सकती है।
फूड कंटेनर और तेल के डिब्बे में हो सकती है गार्डनिंग
उद्यानिकी विशेषज्ञ बीके सारस्वत के अनुसार घर में कई ऐसी वस्तुएं होती हैं जिसकी मदद से पौधे लगाए जा सकते हैं। यदि आपके पास गमले नहीं है या फ्लेट में रहने के कारण क्यारियां नहीं हैं तो भी बागवानी की जा सकती है। बॉॅटल, तेल के खाली डिब्बे, होटल्स से आने वाले प्लास्टिक के फूड कंटेनर, टीन वाले फूड कंटेनर, रंग की प्लास्टिक की बाल्टियां और प्लास्टिक के ड्रम में भी पौधे लगाए जा सकते हैं। इनमें पौधे लगाने के लिए पहले तो इनके तले में छेद कर लें और फिर 2 से 3 इंच में ईंट के टुकड़े डाल दें। इसके बाद सूखी पत्तियों का कचरा डाल दें। इसके ऊपर गोबर खाद, रेत और मिट्टी का मिश्रण डालकर पौधे लगाएं। यदि रेत नहीं भी है तो खाद की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। इससे अतिरिक्त पानी निकल भी जाएगा और पौधों को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा। रेत और गोबर की वजह से मिट्टी में एयर सरक्युलेशन अच्छे से होगा और पौधा पनपने में मदद मिलेगी। जहां तक पौधे लाने की बात है तो कई पौधे ऐसे हैं जो कलम से लगाए जा सकते हैं आप उन्हें लगाएं। अक्सर लोग घरों में आने वाली सब्जी जैसे टमाटर, मिर्च, करेला, लौकी आदि के बीजों को ही बगीचे में डाल देते हैं और सोचते हैं कि अच्छे फल आएंगे। पर जरूरी नहीं कि इस तरह से मनचाही पैदावार मिले क्योंकि अमूमन ये फल-सब्जी हाइब्रीड होते हैं। हां, यदि देसी फल-सब्जी है तो उसके बीज डाले जा सकते हैं।
खाद व कीटनाशक दोनों बन सकता है घर में
बागवानी की संचालिका विजया ओझा के अनुसार केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करके भी बागवानी की जा सकती है। घर में खाद बनाने के लिए बाल्टी, मटका या ड्रम में हर ओर छेद करें। इसमें एक परत सूखे पत्ते की बिछाएं। इसके बाद घर का गीला कचरा (मांसाहार व जूठन के अलावा) इसमें डालें। फिर इसमें छाछ का पानी, हींग का पानी, गुड़ का पानी, गोबर, गोमूत्र या मिट्टी (कोई एक सामग्री) छिड़कें। इसके बाद फिर वही प्रक्रिया दोहराएं। बर्तन पूरा भरने तक यह प्रक्रिया दोहराएं। पूरा भरने के बाद इसे ढंक दें। इसे 15 से 20 दिन में एक बार मिक्स करें। यदि इसमें कीड़े दिखने लगे तो हल्दी पाउडर छिड़क दें। यदि नमी ज्यादा आ गई है तो पुष्टे के टुकड़े या कोकोपीट भी डाल सकते हैं। खाद बनने में 90 दिन लगते हैं। खाद बनने के बाद कचरा मिट्टी की तरह दिखेगा। बर्तन खाली कर उसे छान लें और छना हुआ मोटा वेस्ट दूसरे बर्तन में डालें। बारीक खाद को पैक करके रखें, उसे सूखने न दें। खाद में नीम खली मिलाएं इससे पौधों में कीड़े नहीं लगते। इसे खाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं और इसमें सीधे पौधे भी लगाए जा सकते हैं। खाद बनाने वाले बर्तन को किसी स्टेंड पर रखें और इसमें से निकले पानी को सामान्य पानी से डायल्यूट करके पौधों में डालें जो पौधों को पोषक तत्व देगा। यह खाद सीधे गमले में भी तैयार की जा सकती है और उसमें अतिरिक्त छेद भी नहीं करने पड़ते।
इस मौसम में कलम से लगा सकते हैं यह पौधे
* फूल वाले पौधों में मधुकामिनी, जेट्रोफा, प्लम्बेगो, हिबिस्कस, गार्डेनिया लगाए जा सकते हैं।
* खुशबूदार फूलों के पौधों में जूही, मोगरा, कुंद, चमेली भी कलम के जरिए लगाए जा सकते हैं।
* रंगीन पत्ती वाले पौधों में कोलियस, एकालिफा की वैरायटी, इरनथेमम की वैरायटी, आइटलेंफ्रा, दुरेंटा, आदि लगाए जा सकते हैं। इस मौसम में लगाएं यह सब्जीः
* टमाटर, बैंगन, मिर्ची, पुदीना, धनिया, अदरक, अरबी, पालक, मैथी लगा सकते हैं।
* बेल पर आने वाली सब्जी में कद्दू, करेला, गिलकी, तोरई, लौकी, चवला लगाया जा सकता है।
इनका भी हो सकता है खाद में इस्तेमाल
* चाय बनने के बाद चायपत्ती को अच्छे से धोकर भी गुलाब के पौधों में खाद के रूप में डाल सकते हैं।
* जूस बनाने के बाद बचा फलों का अपशिष्ट भी सड़ाकर पौधों में डाल सकते हैं।
* बड़े पॉट में कचरा डालें और उसमें केचुएं डालें जो उस ऑर्गेनिक वेस्ट के साथ वर्मी कंपोज्ड तैयार करेंगे जिसका रिजल्ट अच्छा आएगा और खाद भी अच्छे से बनेगी।
* सभी दालें 200-200 ग्राम लें और 25 ग्राम राई को पीसकर दाल के साथ भिगो दें। करीब 8 घंटे बाद इसे पीस लें और 5 लीटर पानी में मिलाकर रख दें। दो दिन बाद इसमें थोड़ा और पानी मिलाकर सब्जी वाले पौधों में डालें।
कीडे लगने पर अपनाएं यह तरीके
* छाछ, राख, नीम के पानी का छिड़काव करें।
* छाछ को पानी में डायल्यूट कर स्प्रे करें तो कीड़े नहीं आएंगे।
* निंबोली और नीम की पत्ती को उबालकर उसे साधारण पानी में मिलाकर डालें।
* गोमूत्र को भी पानी में डायल्यूट कर स्प्रे करें।
* नीम की पत्ती और एलोवेरा को पीसकर रख लें और उसके जूस को पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
* 1 चम्मच तंबाकू पाउडर को 1 लीटर पानी में रात को भिगो दें और सुबह स्प्रे करें।
* 1 लीटर पानी में 3-4 बूंद नीम ऑइल मिलाकर स्प्रे करें।
* एक लीटर गोमूत्र, एक-एक किलो नीम खली व नीम की पत्ती (पत्ती पीसकर) तीनों को मिक्स करें और 48 घंटे तक रखें फिर पानी में डायल्यूट कर स्प्रे करें। इस मिश्रण को 6 माह तक रख सकते हैं।
फोटोः मेल करूंगा।