इंदौर में आई जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन, कोरोना के सटीक और जल्द निदान में मिलेगी सहायता
कोविड-19 आरएनए प्रोटीन से बना होता है, जो डीएनए से भिन्न प्रकार का होता है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Tue, 20 Jul 2021 07:49:36 PM (IST)
Updated Date: Tue, 20 Jul 2021 07:49:36 PM (IST)

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि । शहर के अरबिंदो अस्पताल में कोरोना के सटीक और जल्द निदान के लिए आयातित नेक्स्ट जनरेशन जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन स्थापित की गई है। मशीन की मदद से कोरोना की प्रकृति और प्रकार में संभावित परिवर्तनों का अनुमान लगाकर उसकी रोकथाम व उपचार में महत्वपूर्ण सफलता मिल सकेगी।
अरबिंदो मेडिकल कालेज के मालिक्यूलर एंड वायरोलाजी रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेब के विभागाध्यक्ष डा. सुमित कोष्टा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रदेश के निजी क्षेत्र में स्थापित होने वाली पहली आधुनिक मशीन है। इसके माध्यम से न केवल कोविड-19 के सभी वेरिएंट की पहचान हो सकेगी, बल्कि उनका तुरंत निदान भी संभव हो सकेगा। कोविड-19 आरएनए प्रोटीन से बना होता है, जो डीएनए से भिन्न प्रकार का होता है। यह वायरस अपने रूप और प्रकृति में तेजी से परिवर्तन लाने में सक्षम है। अब तक इसके अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट सामने आ चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट से अत्यधिक मौतें हुई हैं।
विभागाध्यक्ष ने बताया कि मशीन का उपयोग गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे के जन्मजात और अनुवांशिक विकारों की पहचान, विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे एक्यूट, कार्निक मायलाइड ल्यूकेमिया, कानिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया आदि का सटीक निदान और उपचार में भी हो सकता है।
सैम्स की महासचिव डा. महक भंडारी ने बताया कि उक्त मशीन अमेेरिका से आयातित की गई है और अरबिंदो मेडिकल कालेज में जनसाधारण केे लिए उपलब्ध है। मशीन में सबसे पहले उन 40 बच्चों और वयस्क मरीजों की जांच की जाएगी, जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट तो निगेटिव है, लेकिन फेफड़ों में गंभीर समस्याएं हैं। बाद में मशीन का उपयोग अन्य मरीजों के लिए होगा।