नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर निवासियों के लिए खुशखबरी है। मनमाड इंदौर के बीच न्यू रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने 309 किलोमीटर की योजना को मंजूरी दी। यह 18036 करोड़ का प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने सोमवार को रेल मंत्रालय के तहत बहुप्रतिक्षित इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना को आखिर मंजूरी दे दी है।
इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन प्रोजेक्ट वर्षों बाद अब जमीन पर आ रहा है। प्रोजेक्ट में 18 करोड 36 रुपये की लागत से 309 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। धार, खरगोन और बड़वानी के आदिवासी अंचल से पहली बार रेल लाइन गुजरेगी।
इस परियोजना से लगभग एक हजार गांवों और 30 लाख आबादी का रेल सेवाओं से सीधा संपर्क जुड़ेगा। परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर की 90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट से कनेक्टिविटी हो जाएगी। इससे माल परिवहन की लागत में भी कमी आएगी।
1918 में होलकर काल में बनी थी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन योजना, बहुत रोचक है इस प्रोजेक्ट का इतिहास
इसके लिए 2200 हेक्टेयर भूमि भी अधिगृहीत करने की आवश्यकता होगी। छह साल की देरी होने से इस परियोजना की अनुमानित लागत साढ़े नौ हजार करोड़ से बढ़कर 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।
इसमें 50 किमी मनमाड़ से धुले तक काम चल रहा है। अब धुले से इंदौर के महू तक लाइन बिछाने के लिए डीपीआर तैयार है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन पर ठोस प्रगति हुई है। इस ट्रैक के बनने से इंदौर की मुंबई व दक्षिण के राज्यों के बीच संपर्क सुगम होगा। 218 किमी हिस्से में लाइन बिछाई जानी है, उसमें 9 सुरंगें बनेंगी।
सेंधवा/बड़वानी। बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ रेललाइन को आखिरकार केंद्र से स्वीकृति मिल ही गई। इसकी स्वीकृति मिलने का समाचार मिलते ही पश्चिम निमाड़ क्षेत्र के लोगों में खुशी छा गई। जगह-जगह आतिशबाजी कर मिठाई बांटी गई। बड़वानी जिले के सेंधवा में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटकर खुशी जताई।
गौरतलब है कि इस परियोजना में 309 किलोमीटर लंबाई में रेल लाइन बिछाई जाएगी। 18 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति मोदी सरकार की कैबिनेट ने दी मंजूरी। आठ वर्ष में योजना पूरी होगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि मोदी सरकार की कैबिनेट की बैठक में इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना को स्वीकृति दी गई। इस परियोजना की स्वीकृति में सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्रदान किया गया था। निमाड़ में रेल की मांग 1960 से उठती आई है।
इसके लिए लोकसभा चुनाव में इंदौर-मनमाड रेल का मुद्दा हमेशा बना रहा। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद रेल लाइन के लिए क्षेत्र के दोनों लोकसभा सांसद गजेंद्रसिंह पटेल, राज्यसभा सदस्य सुमेरसिंह सोलंकी, इंदौर सांसद शंकरलाल लालवानी, धार सांसद व केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने संसद में कई बार रेललाइन का मुद्दा उठाया।
अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य जब मप्र शासन में मंत्री थे, उन्होंने तत्कालीन सांसद सुमित्रा महाजन के साथ रेल लाइन का मुद्दा उठाया गया था।
आज मोदी सरकार ने इंदौर-मनमाड़ परियोजना को स्वीकृति देने से क्षेत्र में हर्ष का वातावरण निर्मित होकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने नपा जनसंपर्क कार्यालय पर पटाखे फोड़कर मिटाई खिलाकर मुंह मीठा कर जश्न बनाया गया।
Chaired by PM Shri @narendramodi Ji, the Union Cabinet has sanctioned a 309 km long new rail line project, establishing the shortest route between Mumbai and Indore, two key commercial hubs.
This project will traverse 2 districts in Maharashtra and 4 in Madhya Pradesh,… pic.twitter.com/KXhm5Lf0H0
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 2, 2024