नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर के शासकीय अस्पतालों में अब मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलने लगी है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में पथरी का इलाज आधुनिक तकनीक से किया जा रहा है। अस्पताल में बड़ी पथरी निकालने के लिए पीसीएनएल पद्धति से बिना चीरा लगाए पथरी निकाली जा रही है। यह सुविधा पहले केवल निजी अस्पतालों में ही मिलती थी, लेकिन अब शासकीय अस्पताल में भी मरीजों को इसका लाभ मिलने लगा है। अस्पताल के यूरोलाजी विभाग में एक सप्ताह में चार से पांच मरीजों की पथरी इस पद्धति से निकाली जा रही है। यानि वर्ष में 300 से अधिक मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है।
खासबात है कि निजी अस्पतालों के मुकाबले कम खर्च में मरीजों का उपचार हो रहा है। इस तकनीक के माध्यम से उन लोगों को खासतौर पर मदद मिल रही है जिनकी पथरी किडनी में फंसी हुई रहती है। 6 सेमी तक निकाली पथरी विशेषज्ञों ने बताया कि एक सेमी से अधिक की पथरी निकालने की आवश्यकता होती है। हम PCNL (Percutaneous Nephrolithotomy) तकनीक के माध्यम से एक सेमी से अधिक साइज की पथरी निकालते हैं। अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं।
5 से 6 सेमी तक की पथरी भी इस तकनीक के माध्यम से निकाली जा चुकी है। वहीं एक सेमी से छोटी पथरी जो पैशाब की नली में फंस जाती है, उसे भी इसके माध्यम से आसानी से निकाला जा सकता है। इस तकनीक से पथरी निकालने के बाद मरीज को ज्यादा समय अस्पताल में भी रुकना नहीं पड़ता है। वह जल्द स्वस्थ होकर घर लौट जाता है। ऐसे निकालते हैं पीसीएनएल से पथरी परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटामी (पीएसएनएल) में चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती है। इसमें दूरबीन के माध्यम से आपरेशन संभव है। इसमें दूरबीन की मदद से पथरी को तोड़ दिया जाता है, जो पेशाब के रास्ते बाहर निकल आता है। इससे रक्तस्त्राव का खतरा कम होता है। साथ ही आपरेशन के बाद मरीज को अस्पताल से जल्द छुट्टी भी दी जा सकती है।
निजी अस्पताल में इस तकनीक से इलाज करवाने में लाखों रूपये खर्च आता है। इन कारणों से होती है पथरी विशेषज्ञों के मुताबिक अनुवांशिक कारणों से, पानी कम मात्रा में पीने के कारण और खाने में अधिक ऑक्सलेट वाले (काजू , चाकलेट, हरी पत्तेदार सब्जियां) पदार्थ खाने से पथरी बनती है।
पथरी के लक्षण में पीठ में एक तरफ असहनीय दर्द होता है, जो आगे की तरफ अंडकोष की ओर फैलता-सा महसूस होता है। दर्द के साथ पेशाब में खून आना और उल्टी जैसे लक्षण होते हैं। 4 एमएम से 6 एमएम तक की छोटी पथरी निकल जाने की संभावना अत्यधिक होती है। 6 एमएम से 8 एमएम तक की पथरी कुछ मामलों में निकल जाती है, लेकिन यदि पथरी किडनी से पेशाब के रास्ते में रुकावट उत्पन्न कर रही है या 8 MM से ज्यादा बड़ी है तो इसे दूरबीन ऑपरेशन के द्वारा निकालने की आवश्यकता होती है।