GST Late Fee: जीएसटी में लेटफीस को लेकर कारोबारियों में फैलने लगा असंतोष
GST Late Fee: रांची में आरटीआइ में जीएसटी लेट फीस के आंकड़े का खुलासा होने के बाद सभी प्रदेशों में जीएसटी की लेट फीस वसूली का आंकड़ा सार्वजनिक करने की मांग की जाने लगी है।
By Prashant Pandey
Edited By: Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 24 May 2021 10:45:54 AM (IST)
Updated Date: Mon, 24 May 2021 10:49:46 AM (IST)

इंदौर, GST Late Fee। रांची में आरटीआइ में जीएसटी लेट फीस के आंकड़े का खुलासा होने के बाद सभी प्रदेशों में जीएसटी की लेट फीस वसूली का आंकड़ा सार्वजनिक करने की मांग की जाने लगी है। रांची कमिश्नरेट ने दो दिन पहले आरटीआइ में जवाब दिया कि उसके क्षेत्र में एक अरब रुपये से ज्यादा की रकम जीएसटी की लेटफीस के तौर पर जमा हो चुकी है। आंकड़े से हैरान कारोबारी जीएसटी के नियमों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बीते वर्ष कोरोना की शुरुआत से ही व्यवसायी जीएसटी की तारीखों में राहत की मांग कर रहे थे। इस वर्ष दूसरी लहर में कोरोना का प्रकोप बढ़ने के बाद मांग तेज हुई लेकिन जीएसटी रिटर्न जमा करने की तारीखों में राहत नहीं दी गई।
जीएसटीआर 3-बी मासिक रिटर्न के लिए रांची क्षेत्र में एक अप्रैल 2019 से 30 अप्रैल 2021 तक यानी दो वर्ष की अवधि में 107 करोड़ दो लाख 47 हजार रुपये वसूले गए। सीए ब्रांच इंदौर के सचिव सीए अंकुश जैन के मुताबिक आरटीआइ में एक कमिश्नरेट का आंकड़ा दिया गया है। सभी राज्यों का आंकड़ा जोड़ा जाए तो आंकड़ा हर वर्ष हजारों करोड़ में होगा जबकि इसमें पेनल्टी और ब्याज तो शामिल ही नहीं है।
लोहा कारोबारी मोहम्मद पीठावाला के अनुसार लेटफीस की ये रकम आम मध्यम और छोटे कारोबारियों की जेब से ही निकली है। अहिल्या चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता नरेंद्र बाफना के अनुसार सभी व्यापारी संगठनों ने बार-बार सरकार से जीएसटी रिटर्न में राहत की मांग की लेकिन सरकार का ध्यान टैक्स लेटफीस की वसूली पर है।