GST Tax System: जीएसटी रिटर्न रिवाइज की मांग के साथ होंगे हजारों ट्वीट, व्यापारी-पेशेवर हुए एकजुट
GST Tax System: सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगने के बाद मामले में इंदौर और प्रदेश के कर सलाहकारों के साथ व्यापारी भी आ गए हैं।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Mon, 06 Nov 2023 02:08:42 PM (IST)
Updated Date: Mon, 06 Nov 2023 02:08:42 PM (IST)
जीएसटी प्रणाली। GST Tax System: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सात साल पुरानी कर प्रणाली जीएसटी के मूल रिटर्न में सुधार का मौका नहीं दिए जाने के खिलाफ असंतोष बढ़ता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगने के बाद मामले में इंदौर और प्रदेश के कर सलाहकारों के साथ व्यापारी भी आ गए हैं। शनिवार को इंदौर में आयोजित बैठक में व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों और कर पेशेवरों की एक बैठक हुई। ऐलान हुआ कि सरकार से एक बार और मांग होगी। इससे पहले एक ही दिन में हजारों ट्वीट कर आवाज दिल्ली तक पहुंचाई जाएगी।
शनिवार शाम माहेश्वरी भवन में आयोजित बैठक में
मध्य प्रदेश टैक्स ला बार एसोसिएशन, कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन, अहिल्या चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज, मालवा चैंबर आफ कामर्स, टाइल्स सैनिटरी व्यापारी एसोसिएशन, लोहा व्यापारी एसोसिएसन के पदाधिकारी शामिल हुए। अश्विन लखोटिया अध्यक्ष एमपीटीएलबी, अमित दवे उपाध्यक्ष एनटीपीए, देवेंद्र जैन सीटीपीए, सीए सुनील जैन, अहिल्या चैंबर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल, मालवा चैंबर के अध्यक्ष अजीतसिंह नारंग, प्रेम माहेश्वरी सचिव टाइल्स व सैनिटरी एसोसिएशन और लोहा व्यापारी एसोसिएशन के इसहाक चौधरी ने कहा कि जब से जीएसटी लागू हुआ है, हम सभी संगठनों ने सैकड़ों ज्ञापन सरकार और जीएसटी काउंसिल को दे दिए हैं।
हालांकि सरकार, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड
सीबीआइसी और काउंसिल ने आज तक इस ओर कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया है। मज़बूरन अब करदाता को देश की शीर्ष कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। अब हम इस लड़ाई में पूरी ताकत से अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे। इस बीच एक बार और सरकार का ध्यान दिलाया जाएगा कि अभी भी मौका है कि कानूनी लड़ाई में समय बर्बाद करने के
जीएसटी के रिटर्न में त्रुटि सुधार का अवसर देते हुए रिवाइज्ड रिटर्न की सुविधा शुरू करें।
संगठनों ने निर्णय लिया कि अगला ज्ञापन देने से पहले आठ नवंबर को मप्र के तमाम व्यापारी और कर सलाहकार संगठनों के सदस्य एक साथ ट्वीट कर इसकी मांग उठाएंगे। सरकार, सीबीआइसी को ट्वीट कर कम से कम 50 हजार ट्वीट किए जाएंगे। इसके बाद दिल्ली कूच कर ज्ञापन और सुप्रीम कोर्ट की लड़ाई में शामिल हुआ जाएगा।