World No Tobacco Day: 70 फीसद स्कूलों के सामने ही बिक रहे गुटखा-सिगरेट
World No Tobacco Day: विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज, नियमों को लागू करने में प्रशासन रहा है विफल
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Wed, 31 May 2023 01:14:50 PM (IST)
Updated Date: Wed, 31 May 2023 01:14:50 PM (IST)

World No Tobacco Day: उदय प्रताप सिंह, इंदौर। शहर को 10 साल पहले धूमपान मुक्त नगर का खिताब मिला, लेकिन गत 10 वर्षों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि इंदौर में अब बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, छप्पन दुकान हो या अन्य कोई सार्वजनिक स्थान लोग धड़ल्ले से सिगरेट का सेवन कर रहे हैं। शहर में गुटखा पान दुकानों के अलावा चाय दुकानों पर भी युवा धड़ल्ले से सिगरेट पीते हैं, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इस पर कोई सख्ती नहीं की जाती है।
शहर में इस तरह की गतिविधियों के नियंत्रण के लिए जिला तंबाकू नियंत्रण समिति बनाई गई है, लेकिन पिछले तीन साल से समिति की न तो बैठक हुई और न ही समिति ने धूमपान नियंत्रण को लेकर कार्रवाई की गई है। आइआइएम रोहतक के प्रबंधन के एकीकृत पाठ्यक्रम के छात्र मृदुल उपाध्याय ने मप्र वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन के साथ शहर के 161 शैक्षणिक संस्थानों व 200 तंबाकू उत्पाद की दुकानों का सर्वे किया।
रैंडम सैंपलिंग के तहत शैक्षणिक संस्थानों की जांच में यह पाया गया कि 70 फीसद शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू, गुटखा-पाउच व सिगरेट बिक्री की दुकानें और गुमटियां संचालित हो रही हैं। 91 प्रतिशत शैक्षणिक संस्थानों के आसपास यह सूचना बोर्ड भी नहीं लगा था कि ‘इस शिक्षण संस्थान के 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का तंबाकू उत्पाद बेचना कानूनी अपराध है।
उल्लंघन करने वाले पर 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।’ 6.5 प्रतिशत से ज्यादा तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों पर भी नहीं लिखा मिला- ‘18 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति की तंबाकू उत्पादों की बिक्री करना दंडनीय अपराध है।’ अब मप्र वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन यह रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को भी सौंपेगा। शहर में तंबाकू व सिगरेट की दुकानों के लिए नगर निगम ने वेंडर लाइसेंस जारी करने की अनिवार्यता की है, लेकिन इसे सख्ती से लागू नहीं कर रहा। वेंडर लाइसेंस की बाध्यता होने पर कोई भी दुकानदार कहीं भी तंबाकू या सिगरेट की बिक्री नहीं कर सकेगा।
10 साल पहले इंदौर को धूमपान मुक्त सिटी का खिताब मिला था। उस समय शहर में सार्वजनिक स्थानों पर धूमपान करने हैं। उन पर कोई जुर्माना नहीं हो रहा है। तंबाकू नियंत्रण समिति की बैठक ही नहीं हो रही है। ऐसे में जिला प्रशासन व निगम को अब सख्ती करनी चाहिए।
- मुकेश कुमार सिन्हा, कार्यकारी निदेशक मप्र वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन
तंबाकू छोड़ने का दिलवाते हैं संकल्प
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की प्रबंधन अध्ययनशाला के निदेशक रहे डा. पीएन मिश्रा काफी आध्यात्मिक हैं। वे सत्यनारायण की कथा उन्हें ही सुनने का मौका देते हैं, जो तंबाकू छोड़ने का संकल्प लेते हो। दस से पंद्रह युवाओं को संकल्प दिलवा चुके हैं। वे बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले उन्हें कैंसर हुआ। इलाज और ईश्वर की आराधना की बदौलत बीमारी को हराया। ठीक होने पर विचार किया कि सेवानिवृत्त होते ही अध्यात्म से जुड़कर युवाओं का मनोबल बढ़ाऊंगा। डेढ़ साल पहले सेवानिवृत्त हुआ। कुछ महीनों से परिचितों के बुलाने पर सत्यनारायण की कथा और गीता से जुड़े प्रसंग सुनता हूं। जब कैंसर से जूझ रहा था, तब विचार आया है कि बीमारी होने की एक वजह तंबाकू भी है। इसलिए युवाओं को इसे दूर रखने की पहल की है। अभी तक पांच-छह कथा कर चुका हूं। युवा खुद आगे आकर तंबाकू छोड़ने की बात करते हैं।
- डा. पीएन मिश्रा