नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। दीपावली पर घर लौटने की चाह में शनिवार को रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी और भारी भीड़ रही। सर्वाधिक भीड़ इंदौर-पटना एक्सप्रेस की रही, जिसमें थर्ड और सेकंड एसी कोच तक यात्रियों से खचाखच भर गए। स्लीपर और जनरल कोचों की हालत तो ऐसी थी कि लोग दरवाजों तक लटके नजर आए। इससे महिलाओं और बच्चों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
इंदौर से उत्तर भारत जाने वाली सभी ट्रेनों में सर्वाधिक भीड़ देखी जा रही है। इंदौर-पटना एक्सप्रेस से जाने के लिए यात्री दोपहर 12 बजे से रेलवे स्टेशन पहुंचने लगे थे। बढ़ती भीड़ को काबू में रखने के लिए रेलवे पुलिस को मैदान में उतरना पड़ा। दोपहर 12.30 बजे से ही पुलिसकर्मी प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंच गए और जनरल कोच के सामने यात्रियों की कतार लगवाने लगे।
यात्रियों को कतार में बैठाए रखा और ट्रेन के प्लेटफार्म पर आने के बाद बारी-बारी से यात्रियों को ट्रेन में चढ़ाया गया। कुछ लोग एक साथ ट्रेन की ओर दौड़े तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लोगों को पीछे किया और शांति बनाए रखने की अपील की। रतलाम मंडल के पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि त्योहारी सीजन में यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। पुलिस की मदद से व्यवस्था संभाली गई, ताकि कोई हादसा न हो।
त्योहारी भीड़ का आलम यह रहा कि स्लीपर क्लास के कंफर्म टिकटधारी यात्रियों को भी अपनी सीट तक पहुंचने में मुश्किल हुई। कंफर्म टिकट नहीं होने वाले यात्री भी कोच में बड़ी संख्या में घुस गए। वहीं जनरल का टिकट लेकर आने वाले यात्रियों ने प्लेटफार्म पर स्लीपर क्लास टिकट भी बनवाया। एसी कोचों में भी कंफर्म टिकट के बिना यात्रियों को यात्रा करते देखा गया। हालांकि इन्हें पूरी रात एक सीट पर दो लोगों को यात्रा करनी पड़ेगी।
स्टेशन पर सुबह से ही यात्रियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। दोपहर तक हालत यह थी कि प्लेटफार्म पर पैर रखने के लिए जगह नहीं थी। जिसे जहां स्थान मिला, वहां बैठ गया, कुछ लोग प्लेटफार्म पर नीचे ही बैठ गए। प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में भी पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही थी। कई यात्रियों ने जनरल टिकट लेकर स्लीपर में जगह तलाशने की कोशिश की। भीड़ के कारण देरी से पहुंचने वाले यात्री अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाए।