नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। पार्षद अनवर कादरी के खिलाफ बाणगंगा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर निरस्त करने से हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया। कादरी ने एफआईआर निरस्त करने और उस पर घोषित इनाम खत्म करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी। हाई कोर्ट में पार्षद कादरी ने याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि बाणगंगा पुलिस थाने में 14 जून को दर्ज एफआईआर राजनीति से प्रेरित और मनगंढ़त है। उसने अपने खिलाफ चल रही जांच को रोकने की मांग भी की थी।
कोर्ट ने याचिका निरस्त करते हुए कहा कि कादरी किसी आपराधिक मामले में अभियुक्त है तो उसे आवश्यक रुप से जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। वह खुद यह निर्णय नहीं ले सकता कि उसे झूठा फंसाया गया है। अगर कादरी को आशंका है कि उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा तो इसके लिए उनके पास कानूनी रास्ता है। राजनीति से प्रेरित होने के आरोप के आधार पर न तो एफआईआर निरस्त की जा सकती है न याचिकाकर्ता को फरार घोषित करने वाली घोषणा को निरस्त किया जा सकता है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर की है याचिका कोर्ट ने आदेश में कहा है कि याचिका केवल गिरफ्तारी से बचने और जमानत पाने के लिए लगाई गई है। यह कहना सही नहीं है कि मामले की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं की जा रही है या इसे किसी अन्य पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।
कुछ दिन पहले एक सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें दो युवक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्हें बहुसंख्यक वर्ग की लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाने और उसके बाद उनका धर्मांतरण कराने के लिए पार्षद कादरी ने रुपए दिए थे। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। वीडियो बहुप्रसारित होने के बाद से कादरी फरार है। पुलिस ने उसे पर दस हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है।