नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-देवास हाईवे पर गुरुवार-शनिवार को लगे 36 घंटे जाम का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। इसे लेकर जनहित याचिका दायर हुई, जिस पर सोमवार को युगलपीठ ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से पूछा कि आखिर पुल का काम कब पूरा होगा। इतनी देरी क्यों लग रही है। जाम की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं तो एनएचएआई की वकील ने कह दिया कि लोग निकलते क्यों हैं, इतनी जल्दी सड़क पर, बगैर काम के। जाम तो लगेगा ही। वकील ने तर्क दिया कि शनिवार-रविवार को जाम गेट पर भी जाम लगता है। वहां तो कोई सड़क नहीं बन रही। छुट्टी के दिन लोग घूमने निकल जाते हैं। हाई कोर्ट ने संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले में अब सात जुलाई को फिर सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से मांग की कि समस्या का स्थाई हल तलाशा जाना चाहिए। एनएचएआइ कच्चा सर्विस रोड बना रहा है। वर्षाकाल में कुछ ही दिन में यह बेकार हो जाएगा। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह वैकल्पिक मार्ग सुझाएं। हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका आनंद अधिकारी ने वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीष पटवर्धन के माध्यम से दायर की है। इस पर एनएचएआइ की ओर से बताया गया कि क्रेशर वालों की हड़ताल की वजह से सड़क बनाने का मटेरियल उपलब्ध नहीं हो पा रहा था, इसलिए काम में देरी हो रही है। अब हड़ताल समाप्त हो गई है। रात 12 से सुबह 7 बजे तक यातायात रोककर निर्माण चल रहा है। बायपास पर पांच फ्लाइओवर बन रहे हैं।
याचिकाकर्ता- बायपास पर सात दिन से लोग परेशान हैं। पूरा यातायात बदहाल हो रहा है।
कोर्ट एनएचएआई से - काम कब पूरा होगा। कब से चल रहा है।
याचिकाकर्ता - सर, अब तक सिर्फ 70 प्रतिशत काम ही हुआ है। बहुत धीमी गति से काम हो रहा है।
एनएचएआई - 7 से 28 जून तक क्रेशर वालों की हड़ताल की वजह से काम प्रभावित हुआ है। कई किमी का काम है। बायपास पर पांच फ्लाईओवर बन रहे हैं। सिर्फ दो दिन से जाम की स्थिति बनी है।
कोर्ट - ऐसा नहीं हैं। हम खुद भी परेशान हो चुके हैं।
एनएचएआई - यह बात सही है कि देरी हो रही है, लेकिन अगर कंपनी को बर्खास्त कर देंगे तो फिर टेंडर बुलाना पडेंगे। इसमें लंबा समय लगेगा। हम स्थिति सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता - 36 घंटे जाम लगा इसके बाद नींद खुली है एनएचएआई की।
एनएचएआई - पूरा प्रशासन व्यवस्था संभालने में लगा है। मंत्री, सांसद भी वहां हैं। लोग निकलते क्यों हैं बगैर काम के सड़क पर। जाम तो लगेगा ही। शनिवार-रविवार को जाम गेट पर भी जाम लगता है। वहां तो कोई सड़क नहीं बन रही। संडे के दिन लोग माल घूमने निकल जाते हैं।