इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Court News Indore । जेल में बंद कैदियों की बदहाल स्थिति को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में मंगलवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने कैदियों की स्थिति को लेकर जिला जज द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट को तलब किया है। हालांकि हाई कोर्ट पहले ही मान चुका है कि जेल में कैदियों की हालत अत्यंत खराब है। बड़ी संख्या में कैदी कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। उनके इलाज का कोई इंतजाम शासन के पास नहीं है। कोर्ट अब इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर ने दायर की है। उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट पीयुष माथुर और सीमा शर्मा पैरवी कर रहे हैं। याचिका में कहा है कि जेल में बंद कैदियों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। क्षमता से ज्यादा कैदी जेल में बंद हैं। ऐसे कैदी भी जेल में सालों से बंद हैं जो नाममात्र का अर्थदंड भी जमा नहीं कर पा रहे। याचिका में महिला कैदियों की बदतर स्थिति का मुद्दा भी उठाया है। इसमें कहा गया है कि उन्हें जेल में सैनिटरी नैपकीन तक नहीं मिलती।
उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए महिला डॉक्टर तक नहीं है। करीब डेढ साल पहले जारी आदेश में कोर्ट ने माना था कि जेलों में कैदियों के लिए पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं। जेलों में महिला डॉक्टर तक नहीं हैं। कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज डीन और प्रशासन से पूछा था कि क्या कैदियों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत करवाया जा सकता है। कोर्ट के आदेश पर जिला जज ने जेल में कैदियों की स्थिति को लेकर जांच भी की थी। एडवोकेट सिरपुरकर ने बताया कि मंगलवार को कोर्ट ने इस जांच रिपोर्ट को तलब करने का आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।