Hindi Diwas 2021: कपिल नीले, इंदौर। केंद्र-प्रदेश सरकार हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर भले ही भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में हिंदी में शोध की स्थिति खराब है। मध्य प्रदेश की एक मात्र नैक ए-प्लस ग्रेड प्राप्त यूनिवर्सिटी डीएवीवी के टीचिंग डिर्पाटमेंट(यूटीडी) में हिंदी विषय में पीएचडी का एक भी गाइड मौजूद नहीं है। जो पीएचडी गाइड रजिस्टर्ड हैं वे विश्वविद्यालय से संबद्ध अन्य कालेजों में पढ़ा रहे हैं। वर्तमान में विभिन्न कालेजों के करीब 28 शिक्षक गाइड की भूमिका अदा कर रहे हैं। उनके पास भी दो-तीन शोधार्थी ही हैं। बीते साल हिंदी विषय में पीएचडी करने वाले लगभग 36 शोधार्थियों का पंजीयन हुआ है, जबकि विश्वविद्यालय में 47 शोधार्थियों की पीएचडी चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक पीएचडी गाइड और शोधार्थियों की संख्या लगातार घट रही है।
नहीं बन रहे गाइड : हर साल विश्वविद्यालय से हिंदी विषय में 10- 20 शोधार्थी पीएचडी पूरी कर रहे हैं। मगर इनमें से दस प्रतिशत उम्मीदवार ही पीएचडी गाइड बनने में रुचि दिखा रहे हैं। 2015 में 40 गाइड पीएचडी करवा रहे थे, लेकिन इन दिनों 26-28 गाइड रह गए हैं। वैसे गाइड एक समय में पांच से छह शोधार्थियों को पीएचडी करवा सकता है, मगर सरकारी व निजी कालेजों के ये गाइड अपने अधीन सिर्फ तीन से चार शोधार्थियों को पीएचडी करने में मदद कर रहे हैं। शोधार्थी भी समयावधि में शोध कार्य पूरा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वे पीएचडी के दौरान ही कई प्रतियोगी परीक्षा व शिक्षक भर्ती की तैयारी करते हैं। कई बार गाइड ने भी विश्वविद्यालय को शोधार्थियों की शिकायत की है कि वे साल-सालभर शोध को लेकर संपर्क नहीं करते हैं। इसके बाद विश्वविद्यालय के तुलनात्मक भाषा अध्ययनशाला ने आदेश निकाला और सारे शोधार्थियों को प्रत्येक दो महीने में अपने शोध कार्य की स्थिति गाइड को बताने को कहा है।
रजिस्ट्रेशन की तैयारी : डीएवीवी में गाइड की संख्या बढ़ाई जाएगी। विभाग ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक बीते तीन साल में जिन लोगों को पीएचडी अवार्ड हुई है अब उन्हें गाइड बनाया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए 15 अक्टूबर तक का समय रखा है।
प्रोफेसर-रीडर का पद खाली : विश्वविद्यालय के तुलनात्मक भाषा अध्ययनशाला से हिंदी विषय में पीएचडी व कोर्स संचालित होते हैं। यहां हिंदी विषय में एक प्रोफेसर और एक रीडर का पद रिक्त है। इन दिनों दोनों पदों को भरने के लिए बैकलाग नियुक्तियां निकाली हैं। विभाग में एक भी गाइड नहीं है।
बनाएंगे नए गाइड
विश्वविद्यालय में एक भी हिंदी विषय का गाइड नहीं है। यह स्थिति लगातार शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के चलते बनी है। हालांकि दो पदों पर बैकलाग से नियुक्तियां होनी हैं। विभाग को आवेदन मिल चुके हैं, जबकि नए गाइड बनाने की प्रक्रिया विभाग ने शुरू कर दी है। - डा. रेखा आचार्य, विभागाध्यक्ष, तुलनात्मक भाषा अध्ययनशाला, डीएवीवी