Corona Virus Indore: कोविड वायरस कितने भी रूप बदले इंदौर में हो सकेगी उसकी जांच
विजय नगर क्षेत्र में बायो सेफ्टी लेवल-3 स्तर की पहली अत्याधुनिक लैब में पहली बार वायरस का कल्चर विकसित कर जांच की जाएगी।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Sat, 02 Jan 2021 06:15:00 AM (IST)
Updated Date: Sat, 02 Jan 2021 07:18:59 AM (IST)

उदय प्रताप सिंह, इंदौर, नईदुनिया Corona Virus Indore। ब्रिटेन में कोविड वायरस में म्यूटेशन के बाद नया स्टैन मिलने से विश्वभर में चिंता शुरू हो गई है कि वायरस के रूप बदलने पर उसकी जांच कैसे करें। कोविड का वायरस अब कोई भी रूप बदले उसकी जांच इंदौर में हो सकेगी। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ब्रिटेन से इंदौर आए यात्रियों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद जांच के लिए सैंपल दिल्ली की नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में भेजे गए थे। अब इंदौर में सेंट्रल लैब ने पहली अत्याधुनिक बायो सेफ्टी लेवल 3 की लैब का निर्माण किया है। इसमें किसी भी खतरनाक वायरस की जांच की जा सकेगी। विजय नगर क्षेत्र में निर्मित इस लैब में कोविड के वायरस को -70 डिग्री पर रखकर उसका कल्चर टेस्ट कर सकेंगे। इससे पता चलेगा कि वायरस के आरएनए में क्या अंतर आया और वह पहले से कितना मजबूत हुआ है। इसके आधार पर उस पर किस दवा का असर होगा, यह भी पता किया जा सकेगा। लैब प्रबंधन के मुताबिक, इस लैब में अगले दो सप्ताह में सैंपलों की जांच शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इंदौर में अभी तक निजी व सरकारी क्षेत्र में बायो सेफ्टी लेवल 2 स्तर की लैब मौजूद हैं, जिनमें कोविड व अन्य तरह के वायरस की जांच की जाती है।
जर्मनी से बुलवाई मशीन, एक घंटे में पांच हजार सैंपल की करेगी जांच
इस लैब में जर्मनी से बुलवाई पांच करोड़ की कोबास 8000 मशीन को इंस्टाल किया गया है। इसमें रक्त संबंधित सभी बायोकेमिकल जांचें की जा सकेंगी। यह मशीन कोविड मरीज के रक्त में एंटीबॉडी के पांच हजार सैंपल की एक घंटे में जांच कर सकती है। इस तरह की मशीन मध्य भारत में सिर्फ इंदौर में ही है।
जापान से आई मशीन में ऑटोमेटिक स्लाइड बनेगी और रिपोर्ट मिलेगी
जापान की सिस्मैक कंपनी द्वारा एक करोड़ स्र्पये की लागत से खरीदी गई मशीन को इस लैब में इंस्टाल किया है। यह मशीन किसी भी रक्त जनित बीमारी को डायग्नोस कर सकेगी। इस मशीन की खूबी यह है कि अभी तक जहां लैब टेक्निशियन खून की बंूद लेकर स्लाइड बनाते थे। वही इस मशीन में रक्त का सैम्पल ट्यूब रखने के बाद उसकी स्लाइड ऑटोमेटिक बनेगी और रिपोर्ट भी ऑटोमेटिक ही जारी होगी। इसमें एक घंटे में 500 रक्त सैम्पल की जांच हो सकेगी।
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हैल्थ कियोस्क से मरीज या परिजन खुद ले सकेगे रिपोर्ट
इस लैब के प्रवेश गेट पर एक हैल्थ कियोस्क लगाया गया है। लैब में मरीज की जांच होने पर इस कियोस्क के माध्यम से मरीज या उसके परिजन खुद ही मेडिकल रिपोर्ट का प्रिंट 24 घंटे में कभी ले सकेगे। इसके अलावा लैब में मरीज को जांच के पहले टेबलेट के माध्यम से खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन व कौन सी जांच करवाना है, इसकी जानकारी दर्ज करने की सुविधा दी जाएगी।
इंदौर में पहली बार होगा वायरस का कल्चर
सेंट्रल लैब की संचालक डॉ विनिता कोठारी के मुताबिक भोपाल में एम्स के बाद इंदौर में यह पहली बीएस लेवल 3 की लैब हैं। इसकी प्रमाण पत्र हमें हाल ही में मिला है। इस लैब में हम कोविड या अन्य किसी भी तरह के वायरस व टीबी के किसी भी तरह के स्टैन की जांच कर सकेगे। इंदौर में पहली बार इस लैब में कोविड या अन्य किसी वायरस का कल्चर किया जा सकेगा। इस जांच में आरएनए का पता लगाने के साथ कल्चर व सेंसिटिविटी की जांच भी हो सकेगी। इस लैब में -70 डिग्री के तापमान में वैक्युम वातवारण में वायरस का कल्चर विकसीत किया जाएगा। उस कमरे विशेष किट व सुरक्षा उपकरण पहनकर टेक्नीशियन जाएंगे और उस कक्ष में हर किसी के प्रवेश की मनाही होगी।