नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आज समाज में तलाक की प्रवृत्तियां निरंतर बढ़ती जा रही है। माताएं अपनी विवाहित बेटियों के ससुराल के मामलों में दखल देकर उनके घर-परिवार को बिखेर रही हैं। माताएं यदि विवाहित बेटे-बेटी का रिमोट कंट्रोल अपने हाथों में रखेंगी तो दोनों के ही परिवार हाथ से निकल जाएंगे। प्रशंसा से प्रेरणा लेना चाहिए, अहंकार नहीं।
यह बात आचार्य विश्वरत्न सागर महाराज ने शनिवार को नृसिंह वाटिका एरोड्रम रोड पर कही। वे अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट पीपली बाजार, जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ एवं नवरत्न परिवार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चातुर्मासिक अनुष्ठान में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारे धर्मग्रंथ काफी समृद्ध और दूरदर्शिता से परिपूर्ण हैं। इन ग्रंथों में जीवन को सदगुणों से श्रृंगारित करने के अनेक मंत्र दिए गए हैं। न केवल गृहस्थ, बल्कि साधु-साध्वी और तीर्थंकरों के लिए भी इन ग्रंथों में एक तरह से आचार संहिता दी गई है।
धर्मसभा का शुभारंभ भगवान महावीर स्वामी द्वारा रचित उत्तराध्ययन सूत्र में उल्लेखित श्लोक के वाचन से हुआ, जिसे पूरे सभा मंडप ने खड़े होकर श्रवण किया।मुनि प्रवर उत्तम रत्न सागर महाराज ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष पारसमल बोहरा, संयोजक पुण्यपाल सुराना, कैलाश नाहर, ललित सी जैन, दिलसुखराज कटारिया, मनीष सुराना, प्रीतेश ओस्तवाल, शेखर गेलड़ा एवं दीपक सुराना ने समाजजनों की अगवानी की। इस मौके पर महिदपुर के विधायक दिनेश जैन बोस का भी बहुमान, संजय धारीवाल,सुनील फरबदा ने किया।
साधु मार्गी जैन समता संघ का द्वारा राम महिमा परिवरर्धन महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इसमें 7 वर्ष के बालक से 80 वर्ष के 700 साधक सामयिक व्रत कर रहे है। यशवंत निवास रोड स्थित चौरडिया भवन में पुरुष एवं समता भवन में महिलाएं सामायिक कर रही है। संघ के अध्यक्ष पारस बोहरा एवं चित्रेश मेहता ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य साधना, संयम और आत्म शुद्धि की भावना को जागृत करना है। इसके लिए प्रत्येक 48 मिनट की एक सामयिक रखी गई है।इसमें पांच नियमों का पालन सामायिक करने वाले कर रहे है। मोबाइल आदजि का उपयोग भी नहीं किया जा रहा है।