'यदि शांति चाहते हो तो युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना होगा', CDS अनिल चौहान ने महू में कहा
सीडीएस चौहान ने कहा कि सबसे बड़े अर्थशास्त्री कौटिल्य व चाणक्य ने कहा कि किसी भी युद्ध को जीतने के लिए शक्ति, उत्साह और युक्ति की आवश्यकता होती है। हमें यह अभी भांपने की जरुरत है कि भविष्य में किस तरह के युद्ध हो सकते है। ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा लेकिन उसने हमें बहुत कुछ सिखाया और भविष्य के लिए तैयार रहने की प्रेरणा दी।
Publish Date: Tue, 26 Aug 2025 05:18:24 PM (IST)
Updated Date: Tue, 26 Aug 2025 05:29:51 PM (IST)
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहानHighLights
- किसी भी युद्ध को जीतने के लिए शक्ति और युक्ति की आवश्यकता होती है।
- हमें यह भांपने की जरुरत है कि भविष्य में किस तरह के युद्ध हो सकते है।
- ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा लेकिन साथ ही उसने हमें बहुत कुछ सिखाया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। भारत को सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनना है। हमें अब महाभारत की तरह शस्त्र और शास्त्र दोनों को साथ में लेकर चलना होगा। महाभारत का सबसे अच्छा योद्धा अर्जुन शस्त्र तो चला सकता था। परंतु शास्त्र का ज्ञान श्रीकृष्ण ने दिया तब जाकर पांडव युद्ध जीत सके। भारत एक शांतिप्रिय देश है। परंतु लेटिन में एक कहावत है। यदि शांति बनाए रखना है, तो हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहो।
ये बातें चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने महू के आर्मी वार कॉलेज में मंगलावार को शुरू हुई दो दिवसीय ‘रण संवाद‘ कार्यक्रम में कही। तकनीक का युद्ध पर प्रभाव थीम पर आयाेजित इस संवाद कार्यक्रम में देश के तीनो सैन्य ईकाईयों के अधिकारी शामिल हुए।
शुभारंभ मौके पर सीडीएस चौहान ने कहा कि पिछले दो साल से हम रणसंवाद जैसे कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे। जिससे हम हमारी सेनाओं को पुन: आकार दे सकें।
इस तरह के आयोजन में मिलने वाले सुझाओं को अमल में लाकर हम आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्होंने ऋग्वेद का उदाहरण देते हुए कहा कि हर दिशा से आने वाली जानकारी व सुझावों पर ध्यान देकर विशलेषण करने की आवश्यकता है।
तकनीक के साथ आधुनिकता को अपनाने वाला ही जीतेगा रेस
- सीडीएस चौहान ने कहा कि सबसे बड़े अर्थशास्त्री कौटिल्य व चाणक्य ने कहा कि किसी भी युद्ध को जीतने के लिए शक्ति, उत्साह और युक्ति की आवश्यकता होती है।
- हमें यह अभी भांपने की जरुरत है कि भविष्य में किस तरह के युद्ध हो सकते है। ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा लेकिन उसने हमें बहुत कुछ सिखाया और भविष्य के लिए तैयार रहने की प्रेरणा दी।
- तकनीकी रूप से युद्ध में मजबूती से डटे रहने की यह एक रेस है जिसमें सभी देश दौड़ रहे हैं। इसमें वही जीतेगा जो सबसे अधिक आधुनिक होगा।
- भविष्य के युद्धों में विजय प्राप्त करने के लिए हमें तकनीकी रूप से मजबूत होने के साथ अपनी क्षमताओं का विकास करना होगा।
- ऐसे में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), सायबर, क्वांटम और इलेक्ट्रानिक वारफेयर का समावेश कर अपनी सेनाओं को संयुक्त प्रशिक्षण देने की जरूरत है।
- राष्ट्र की सुरक्षा सभी के लिए सर्वाेपरि है। इसमें टेक्नोलाजी पार्टनरशिप, अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध व कूटनीति का अहम रोल है।
रक्षा मंत्री समापन समारोह में होंगे शामिल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार देर रात महू पहुंचे। वे महू में आयोजित रण संवाद कार्यक्रम के अंतिम दिन बुधवार को महू में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।
बुधवार को सैन्य रणनीति के इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
- दूसरे दिन युद्ध में इंटीग्रेट तकनीक के महत्व संबंधित प्रशिक्षण
- भविष्य के लिए भारतीय नौसना तकनीकी तैयारी
- जमीन युद्ध में मानव रहित प्रणाली का एकीकरण व 2035 तक बल संरचनाओं व सामरिक संचालन की पुनर्कल्पना।
- अंतरिक्ष पर आधारित निगरानी और सेटकाम-ए ढांचे काे एकीकृत करना
- डिजिटल युग में प्रतिद्वंदी की सप्लाय चैन को बाधित करना
पाइंटर :
- तीनों सैन्य ईकाइयों के 450 से अधिक अधिकारी कार्यक्रम में हुए शामिल।
-आस्ट्रेलिया, इजिप्त व अन्य देशों के प्रतिनिधि भी रण संवाद कार्यक्रम में हुए शामिल।