इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर संचालन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की बढ़ती मांग को देखते हुए कार्यकारी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने जा रहा है। 12 महीने के पाठ्यक्रम में 75 मिनट के 132 सत्र होंगे। इसमें से 12 सत्र आइआइएम इंदौर के परिसर में और 120 सत्र आनलाइन माध्यम से कराए जाएंगे। पाठ्यक्रम में स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा करने वाले प्रवेश ले सकते हैं। इन सभी में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। कंपनियों और उद्योगों में दो वर्ष का अनुभव ले चुके प्रतिभागियों को ही प्रवेश दिया जाएगा।
पाठ्यक्रम का शुल्क तीन लाख 34 हजार रुपये के आसपास रहेगा। 23 अप्रैल से पाठ्यक्रम प्रारंभ होगा। आइआइएम इंदौर ने प्रवेश लेने के लिए अपने अधिकारिक पोर्टल पर लिंक जारी की है। केपीएमजी भारत के अनुसार भारतीय आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन बाजार का अनुमानित आकार 215 बिलियन डालर के आसपास है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कुछ वर्षों में तकनीक आधारित प्रगति के कारण ई-कामर्स और घर पहुंच सेवा व्यवसाय की मांग बढ़ी है। यह व्यवसाय 44.6 बिलियन डालर है जो 2025 तक 100 बिलियन डालर तक पहुंचने का अनुमान है।
पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाएंगे ये विषय - पाठ्यक्रम में व्याख्यान, प्रकरणों पर चर्चा, परियोजना कार्य, टर्म पेपर, असाइनमेंट के साथ ही संचालन और आपूर्ति श्र्ाृंखला प्रबंधन, सांख्यिकी की आवधारणा, गणितीय कार्यक्रम, व्यावसायिक रणनीति, सेवा और निर्माण क्षेत्र में प्रगति संरचना, प्रसंस्करण विश्लेषण, प्रक्रिया प्रदर्शन का मूल्यांकन, प्रक्रिया में सुधार और पुनर्रचना, संपूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन, निर्धारण, संसाधन योजना, सामग्री आवश्यकता योजना, वस्तु सूची के प्रकार, आर्थिक आदेश मात्रा, वस्तुसूची नियंत्रण प्रणाली, सेवाओं और विनिर्माण के लिए आपूर्ति श्रृंखला जैसे कई विषय शामिल रहेंगे।
अप्रैल में इस पाठ्यक्रम की भी होगी शुरुआत - आइआइएम इंदौर वैश्विक व्यवसाय प्रबंधन विषय में भी 12 महीने का पाठ्यक्रम 20 मार्च से प्रारंभ करने जा रहा है। 75 मिनट के 120 सत्र होंगे। इसमें भी 12 सत्र परिसर के अंदर कराए जाएंगे। इसमें भी स्नातक और परा स्नातक में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के साथ दो वर्ष कंपनी या उद्योग में अनुभव रखने वाले आवेदन कर सकते हैं। इसका शुल्क करीब दो लाख 72 हजार रुपये है। इसमें मांग और आपूर्ति, बाजार संरचना, आयात-निर्यात, मानव संसाधन प्रबंधन के सिद्धांत, वैश्विक प्रतिभा प्रबंधन, विपणन के आधारभूत सिद्धांत, विपणन रणनीति, वित्तीय विवरण विश्लेषण, पूंजी संरचना और अन्य विषय पढ़ाए जाएंगे।
क्षमता बेहतर करने में मिलेगी सहायता - भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर के प्रो. हिमांशु राय ने बताया कि उद्योगों में जिन क्षेत्रों में अच्छी मांग होती है, उसमें पाठ्यक्रम तैयार किए जाते हैं। कोरोना महामारी के दौरान कई पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। महामारी के कारण पाठ्यक्रम में प्रवेश की तारीख और कक्षाओं के संचालन के समय को आगे बढ़ाया गया है। इन पाठ्यक्रमों से उद्योगों में सेवा दे रहे प्रतिभागियों को क्षमता बेहतर करने में सहायता मिलेगी।