नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। पत्रकार कल्पेश याग्निक आत्महत्या केस में फर्जी ऋण पुस्तिका से जमानत लेने का मामला सामने आया है। अपराध शाखा ने सलोनी अरोरा सहित तीन के विरुद्ध गंभीर आधाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। जमानतदार कैदार डाबी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीसीपी(अपराध) राजेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक कल्पेश याग्निक के छोटे भाई नीरज याग्निक(साकेतनगर) द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई थी। वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक ने साल 2018 में ऑफिस से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उन्हें संस्थान में काम करने वाली सलोनी अरोरा ब्लैकमेल कर रही थी।
सलोनी को एक साल बाद कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी। उस वक्त सलोनी की भाभी डिंपल संजय अरोरा द्वारा जमानत दी गई थी। साल 2021 में डिंपल ने कोर्ट में अर्जी दायर कर जमानत वापस ले ली। सलोनी ने वकील की बहन मधू श्रीवास्तव(आनंदनगर) से जमानत लगवा दी।
कुछ समय बाद मधू ने अपनी जमानत वापस ली और सिमरोल के केदार डाबी द्वारा जमानत प्रस्तुत कर दी। नीरज ने लिखित शिकायत कर आरोप लगाया कि केदार फर्जी जमानतदार है और फर्जी पावती,ऋण पुस्तिका से कईं अपराधियों को जमानत पर रिहा करवा चुका है। हाई कोर्ट द्वारा उसके जमानत देने पर प्रतिबंध भी लगाया है।
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक इस मामले में निरीक्षक जितेंद्र चौहान द्वारा जांच की गई। जांच में साबित हुआ कि केदार द्वारा प्रस्तुत किए दस्तावेज फर्जी थे। उसके विरुद्ध अपराध शाखा में ही फर्जी जमानत देने का मामला पंजीबद्ध है। उच्च न्यायालय ने बाकायदा केदार डाबी द्वारा प्रस्तुत जमानत पर रोक लगाते हुए लिखा कि वह भविष्य में किसी भी आपराधिक मामले में जमानतदार नहीं बन सकता है। सलोनी ने जानबूझकर केदार से जमानत पेश करवाई। मधू ने कोर्ट के समक्ष उसकी तस्दीक की।