Indore News: सनावदिया, बिहाड़िया में सरकारी जमीन पर नोटरी से बिकते रहे प्लाट, अफसर रहे बेखबर
Indore News: पटवारी से लेकर तहसीलदार तक शिकायतें होने के बावजूद इस पर न लगाम लगी और न कोई कार्रवाई हुई।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Tue, 03 May 2022 02:46:54 PM (IST)
Updated Date: Tue, 03 May 2022 02:46:53 PM (IST)

Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। भिचौली हप्सी तहसील के सनावदिया और बिहाड़िया में सरकारी जमीन अवैध तरीके से नोटरी पर बिकती रही। भू माफिया प्लाट काटते रहे और घर बनते रहे लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कभी ध्यान नहीं दिया। सात साल में यहां सरकारी जमीन पर अवैध कालोनी बन गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बार-बार शिकायतों के बाद अब जाकर प्रशासन ने अतिक्रमण तो हटाए लेकिन अब भी कई पुराने अतिक्रमण बाकी हैं।
सोमवार को यहां करीब 22 नए अतिक्रमण हटाए गए हैं। पर पुराने अतिक्रमण अभी जहां के तहां हैं। बताया जाता है कि सरकारी जमीन की इस हेराफेरी में भू-माफिया ही नहीं, ग्राम पंचायतों से लेकर प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी उतनी ही मिलीभगत नजर आती है। पटवारी से लेकर तहसीलदार तक शिकायतें होने के बावजूद इस पर न लगाम लगी और न कोई कार्रवाई हुई। सात साल में बिहाड़िया और सनावदिया गांव की सीमा पर करीब 20 एकड़ शासकीय जमीन पर कॉलोनी बस गई। सनावदिया, बिहाड़िया के अलावा जामनिया गांवों का काकड़ आपस में मिलता है और यहां सरकारी जमीन का बड़ा क्षेत्र खाली था। इस खाली सरकारी जमीन पर भू-माफिया की लंबे समय से नजर रही और जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया।
इसमें तीनों गांवों के कुछ लोग शामिल हैं। इन लोगों ने जमीन के बड़े हिस्से पर अलग-अलग जगह कब्जा कर इस पर प्लाट काटना शुरू कर दिया। शुरुआत में 150 रुपये से लेकर 500-600 रुपये की दर में प्लाट बेचे गए। बाद में काफी रेट बढ़ाए गए। नजूल की जमीन की सुरक्षा करना पटवारी की जिम्मेदारी होती है। साथ ही ग्राम पंचायत की अनुमति के बिना गांव की जमीन पर निर्माण नहीं हो सकते, लेकिन यह सब खेल चलता रहा। गांव के कुछ जागरूक लोगों की ओर से तहसीलदार से लेकर एसडीएम और कलेक्टर तक भी शिकायत की गई, लेकिन सरकारी जमीन पर कब्जे का खेल नहीं रुका। जब कब्जे का खेल नहीं रुका और शिकायतों का अंबार लग गया तब जाकर यह कार्रवाई हुई। अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि जिन लोगों ने नोटरी पर प्लाट बेचे हैं उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही जमीन को शासकीय घोषित किया जाएगा।