Indian Railways: पातालपानी से बलवाड़ा के बीच रेल लाइन बिछाना सबसे कठिन
Indian Railways: पश्चिम रेलवे ने लंबे समय बाद महू-सनावद रेल परियोजना में आमान परिवर्तन का काम तेज कर दिया है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 10 Aug 2023 07:32:11 AM (IST)
Updated Date: Thu, 10 Aug 2023 12:31:05 PM (IST)
महू से पातालपानी के बीच 5.51 किमी में लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।HighLights
- 4.1 किमी लंबी सुरंग के निर्माण का पहला टेंडर हो चुका है जारी।
- महू-सनावद के बीच 96.58 किमी हिस्से में होना है गेज परिवर्तन।
- इस पर रेलवे 450 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगा।
Indian Railways: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे द्वारा महू से सनावद तक आमान परिवर्तन के लिए चार हिस्से में कार्य किया जा रहा है। इसमें से पातालपानी से मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच घाट सेक्शन में रेल लाइन बिछाना सबसे कठिन है। 64.95 किमी घाट सेक्शन में 21 सुरंग और 70 के करीब छोटी-बड़ी पुल और पुलिया बनाई जाएगी। रेलवे ने 4.1 किमी लंबी सुरंग के निर्माण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इस पर रेलवे 450 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगा। अन्य 20 सुरंगों के लिए प्रक्रिया अलग-अलग होगी।
पश्चिम रेलवे ने लंबे समय बाद महू-सनावद
रेल परियोजना में आमान परिवर्तन का काम तेज कर दिया है। महू से सनावद के बीच 96.58 किमी हिस्से में आमान परिवर्तन किया जाना है। महू से पातालपानी के बीच 5.51 किमी में लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सबसे कठिन
पातालपानी से बलवाड़ा के बीच 64.95 किमी घाट सेक्शन में है।
इसमें बनाई जाने वाले पुल और सुरंगों की टेंडर प्रक्रिया की जा रही है। बलवाड़ा से
ओंकारेश्वर 20.74 किमी और ओंकारेश्वर से सनावद के बीच 5.40 किमी हिस्से में लाइन बिछाने का काम होगा। इसमें नर्मदा नदी पर पुल का निर्माण शुरू हो चुका है। ओंकारेश्वर स्टेशन भी भव्य बनाया जाएगा।
फरवरी में बंद हुई थी मीटरगेज ट्रेन
इंदौर से खंडवा के बीच 1877 में प्रारंभ मीटरगेज ट्रैक का निर्माण किया गया था। महू से सनावद के बीच मीटरगेज को ब्राडगेज में बदल दिया है। वहीं महू से सनावद के बीच मीटरगेज सेक्शन पर 1 फरवरी से ट्रेन का संचालन बंद कर ब्राडगेज की प्रक्रिया की जा रही है।
पश्चिम रेलवे का सबसे मुश्किल प्रोजेक्ट
महू से सनावद गेज परिवर्तन प्रोजेक्ट पश्चिम रेलवे का सबसे मुश्किल प्रोजेक्ट है। पातालपानी से बलवाड़ा के बीच सभी सुरंगों की कुल लंबाई 15 किमी के करीब होगी। इसमें अर्थवर्क के साथ इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग आदि के काम भी करने होंगे।