
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। अहिल्या पथ के लिए विकसित की जाने वाली एक से पांच टीपीएस को नए सिरे से लागू किया जा सकता है। आज आईडीए संचालक मंडल की बैठक में निर्णय होगा। रिजलाय से रेवती गांव तक 15 किमी क्षेत्र में 75 मीटर चौड़ी सड़क के दूसरी तरफ भी स्कीम विकसित की जाएगी। पहले दूसरी तरफ कृषि भूमि होने से स्कीम में शामिल नहीं की जा सकी थी।
ऐसे में संभावना है कि आईडीए मास्टर प्लान में कृषि भूमि का लैंड यूज बदलने का प्रस्ताव भी टीएनसीपी को भेज सकता है। इससे दूसरी ओर जमीन आसानी से स्कीम के लिए प्रस्तावित होगी। गत दिनों आईडीए की अहिल्या पथ योजना के प्रस्ताव को नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अस्वीकृत करते हुए लौटा दिया था।
निर्देशित किया गया था कि टीपीएस का पुनर्विलोकन कर प्रस्ताव दोबारा भेजा जाए। इसमें 75 मी. चौड़ी सड़क के दोनों तरफ की जमीन को स्कीम में शामिल करने के लिए कहा गया है। अब आईडीए स्कीम का दोबारा प्रस्ताव बनाने की तैयारी में जुटा है। आईडीए संचालक मंडल की बैठक में बुधवार को इस पर अंतिम निर्णय होगा।
आईडीए अधिकारियों का कहना है कि शासन ने पुनर्विलोकन कर दोबारा प्रस्ताव मांगा है। निर्देशानुसार प्रस्ताव तैयार कर दोबारा शासन को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि योजना का प्रस्ताव बीते साल सितंबर में शासन को भेजा गया था, लेकिन शासन ने चार अप्रैल को प्रस्ताव निर्देश देकर लौटा दिया।
आपत्ति लेकर आए जमीन मालिक, समझाने पर सहमत
पीथमपुर इकोनामिक कॉरिडोर के लिए मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) द्वारा जमीन मालिकों की जमीन के लिए सहमति पत्र लिया जा रहा है। मंगलवार को एमपीआईडीसी कार्यालय में हुई सुनवाई में 200 जमीन मालिक और किसान आपत्ति लेकर पहुंचे थे।
अफसरों ने उन्हें मुआवजा पॉलिसी के बारे में बताया तो सभी किसान सहमत हो गए। सिंदौड़ा गांव से 25 बीघा और नैनोद गांव से पांच बीघा जमीन की सहमति मिली। एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि अब तक करीब 150 बीघा जमीन की सहमति प्राप्त हो चुकी है।