पांच हिस्सों में बांटा प्रोजेक्ट
इंदौर-अकोला फोर लेन रोड प्रोजेक्ट को 5 हिस्सों में बांटा गया है।
-भंवरकुआं चौराहे से बायपास के तेजाजी नगर
- तेजाजी नगर से बलवाड़ा
- बलवाड़ा से धनगांव
- धनगांव से बोरगांव
- बोरगांव से महाराष्ट्र सीमा तक के हिस्सों में अलग-अलग पैकेज के अंतर्गत काम किया जाएगा।
किस हिस्से का काम कब पूरा होगा ?
1. भंवरकुआं से तेजाजी नगर-
- 6.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा
- 72.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे फोर लेन में बदलने में
- इसके चौड़ीकरण का खर्च एनएचएआइ नगर निगम को देगी।
- यह काम निगम को ही करवाना है। फिलहाल यह तय नहीं है कि यह काम कब शुरू और पूरा होगा?
2. तेजाजी नगर से बलवाड़ा
- 34 किलोमीटर लंबा हिस्सा
- 939.64 करोड़ रुपये लागत आएगी इस हिस्से को फोर लेन में बदलने में
- इसके लिए जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण विभाग से मंजूरी की प्रक्रिया हो रही है।
- 2022-23 में काम शुरू कर 2024-25 में पूरा करने का लक्ष्य।
3. बलवाड़ा से धनगांव
- 38 किमी लंबा है यह भाग
- 774.68 करोड़ रुपये खर्च होंगे इसके चौड़ीकरण में।
- मार्च-21 तक इसका ठेका सौंपकर इसी साल काम शुरू होगा
- 2023-24 में इसका कार्य पूरा होगा।
4. धनगांव से बोरगांव
- 58 किमी लंबा है हिस्सा
- 660.10 करोड़ रुपये खर्च होंगे के चौड़ीकरण पर
- मई-21 में काम पूरा किया जाएगा
- 2023-24 में प्रोजेक्ट पूरा करने की तैयारी है।
5. बोरगांव से महाराष्ट्र बार्डर- इस हिस्से की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बननी है, लेकिन यह काम 2015-26 में पूरा करने का लक्ष्य है।
13 साल बाद भी रेलवे के पास कोई ठोस योजना नहीं
2008 में रतलाम-इंदौर-खंडवा-अकोला बड़ी लाइन परियोजना स्वीकृत की गई थी। यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर जरूरी है, क्योंकि यह उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाला सबसे छोटा रेल मार्ग है। रेलवे ने इंदौर-महू और खंडवा-सनावद के बीच तो बड़ी लाइन बिछा दी है, लेकिन महू-सनावद के बीच काम कब शुरू कर पूरा किया जाएगा, इस बारे में कोई योजना नहीं है। अकोला-आकोट के बीच काम हो रहा है, लेकिन आकोट-खंडवा आमान परिवर्तन के कोई ठिकाने नहीं हैं। रतलाम रेल मंडल के प्रबंधक (डीआरएम) विनीत कुमार ने बताया कि महू-सनावद सेक्शन को बड़ी लाइन में बदलने का फैसला रेलवे बोर्ड स्तर पर होना है। फिलहाल इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा नहीं तय कर सकते।