नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सोमवार रात दौलतगंज के कोष्ठी मोहल्ला में हुए हादसे में सिस्टम की गंभीर लापरवाही सामने आई है। किराएदार ने मकान मालिक को सप्ताहभर पहले ही बता दिया था कि मकान धंस रहा है। शटर लटकने लगा है। तुरंत रिपेयरिंग नहीं करवाई तो किसी भी दिन मकान पूरी तरह धंस जाएगा, बावजूद इसके न मकान मालिक ने ध्यान दिया न नगर निगम के जिम्मेदारों ने।
सोमवार रात आखिर मकान धंस ही गया। हादसे में दो लोगों की मौत हो चुकी है और 12 अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। जर्जर और खतरनाक मकानों का पता लगाने वाला नगर निगम का सिस्टम कितना लचर और कमजोर है यह इसी से समझा जा सकता है कि निगम के ही आंकडे बता रहे हैं कि निगम सीमा में मौजूद पांच लाख से ज्यादा संपत्तियों में से सिर्फ 92 खतरनाक स्थिति में हैं, बाकी सब सुरक्षित। निगम के दस जोन तो ऐसे हैं जिनमें एक भी खतरनाक मकान नहीं है।
कोष्ठी मोहल्ला में मकान में बने अवैध तलघर में पिछले आठ साल से पानी जमा होकर नींव कमजोर करता रहा, रहवासी शोर मचाते रहे लेकिन निगम के जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंगी। उन्होंने कभी अवैध तलघर बंद करवाकर मकान और जिंदगियों को बचाने का प्रयास ही नहीं किया। मकान मालिक ने कहा था गोदाम खाली कर दो कोष्ठी मोहल्ला के उक्त मकान में गोदाम किराए से लेने वाले शशांक गुप्ता ने बताया कि एक सप्ताह पहले गोदाम में काम करने वाले लड़कों ने बताया था कि गोदाम का शटर लटक गया है।
आगे उसने कहा कि कुछ जगह जमीन धंस भी रही है। मैंने तुरंत यह बात मकान मालिक शबीउद्दीन अंसारी को बताई कि मकान की तुरंत रिपेयरिंग करवाना चाहिए वरना यह किसी भी दिन गिर जाएगा। इस पर शबीउद्दीन ने कहा कि आप गोदाम खाली कर दो। मैंने दूसरी जगह गोदाम लेकर सामान शिफ्ट करना शुरू कर दिया। सोमवार को मैं बाकी सामान भी शिफ्ट करने वाला था लेकिन वर्षा की वजह से ऐसा नहीं हुआ।
बकौल शशांक गुप्ता सोमवार को शबीउद्दीन ने मुझे फोन कर कहा कि आप गोदाम का बाकी सामान आज ही हटा लो। मुझे लग रहा है कि हादसा होने वाला है। मैंने उनसे कहा कि कर्मचारी नहीं है। इस पर वे बोले कि मैं आदमी बुलवाकर गोदाम खाली करवा देता हूं। मैंने उनसे कहा कि मैं मंगलवार को गोदाम खाली कर दूंगा। इस पर वे मान गए। मकान के पीछे है गरबा पांडाल कोष्ठी मोहल्ला स्थित इस मकान के ठीक पीछे गरबा पांडाल है। सोमवार को नवरात्र का पहला दिन होने की वजह से हादसे के वक्त वहां भीड़ नहीं थी, इसके चलते बड़ा नुकसान टल गया।
कोष्ठी मोहल्ला दौलतगंज स्थित इस मकान का नक्शा नगर निगम से वर्ष 1999 में स्वीकृत हुआ था। यानी करीब 25 वर्ष पहले। नगर निगम से अनुमति जी प्लस वन की है, लेकिन इसे जी प्लस टू बना लिया गया। तलघर का निर्माण भी नक्शे के विपरित किया गया है। इस तलघर में पिछले कई सालों से पानी जमा है। रहवासी मो. आमिर ने बताया कि तलघर में पानी भरा होने की शिकायत आसपास के रहवासी भी करते थे, लेकिन पारिवारिक विवाद के चलते कभी किसी ने सुधार पर ध्यान नहीं दिया।
कोष्ठी मोहल्ला स्थित उक्त मकान के बेसमेंट में पानी जमा होने से स्ट्रक्चर कमजोर हुआ और हादसा हुआ। पैतृक संपत्ति होने से तीन भाइयों के बीच पारिवारिक विवाद होने से मकान का मेटेनेंस नहीं हो पा रहा था। इसी वजह से बेसमेंट में जमा पानी भी नहीं हटाया। रोहित सिसोनिया, अपर आयुक्त नगर निगम
सोमवार रात करीब सवा नौ बजे कोष्ठी मोहल्ला 47/3 दौलतगंज स्थित तीन मंजिला मकान भरभराकर गिर गया। इस मकान में तीन भाइयों का परिवार रहता था। हादसे के वक्त परिवार के 14 सदस्य मकान में थे। हादसे के तुरंत बाद जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किए। रेस्क्यू अापरेशन मंगलवार सुबह करीब आठ बजे तक चला। हादसे में दो लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12 घायल हैं जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है।
निगम सीमा में अवैध, जर्जर, खतरनाक मकानों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है। निगम के पास इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों की लंबी-चौड़ी फौज है, बावजूद इसके निगम की नींद हादसे के बाद ही खुलती है।
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