नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। भ्रष्टाचार एवं अनुपातहीन संपत्ति के मामले में तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त जगदीश राठी पर मुकदमा चलेगा। वर्षों पुराना केस कोर्ट और विभागीय कारणों से बंद पड़ा था। लंबी लड़ाई के बाद लोकायुक्त पुलिस को हाईकोर्ट से प्रकरण चलाने की अनुमति मिली है।
लोकायुक्त पुलिस ने वर्षों पूर्व जगदीश राठी के ठिकानों पर दबिश देकर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। लोकायुक्त ने 550 प्रतिशत की अनुपातहीन संपत्ति तो पकड़ी पर राठी ने हाईकोर्ट से प्रकरण के ट्रायल पर रोक लगवा ली।
दरअसल लोकायुक्त ने विवेचना के दौरान आबकारी विभाग से अभियुक्त के विरुद्ध चालान प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी। विभाग ने लोकायुक्त के पत्र को नजरअंदाज करते हुए अभियोजन स्वीकृति नहीं दी। लोकायुक्त के पुन:पत्राचार करने पर चालान की अनुमति मिल गई।
पुलिस ने निचली अदालत में चालान पेश कर दिया। राठी हाईकोर्ट पहुंचा और अभियोजन स्वीकृति को अवैध बताया।उसने कहा कि एक बार निरस्त करने पर आबकारी विभाग को कैबिनेट की स्वीकृति लेना आवश्यक है। हाईकोर्ट ने राठी की याचिका स्वीकारी और उसकी आपत्ति को सही ठहराया। यह प्रकरण बगैर ट्रायल के लंबित पड़ा रहा।
एसपी राजेश सहाय के मुताबिक लोकायुक्त संगठन की ओर से हाईकोर्ट में रिव्यु याचिका दायर की गई थी।कोर्ट ने लोकायुक्त का पक्ष सुनने के बाद ट्रायल की अनुमति दे दी।डीएसपी सुनील तालान के मुताबिक राठी के विरुद्ध नीचली अदालत में प्रकरण का ट्रायल चलाया जाएगा।