Indore Cleanest City of Indian: इंदौर (टीम नईदुनिया)। अंतत: इंदौर ने स्वच्छता का पंच लगा ही दिया। शहर का गौरव तब और बढ़ गया जब प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इंदौरी शैली में लिखाभिया छा गया अपना इंदौर...। लगातार पांच बार नंबर वन का ताज बनाए रखने के लिए न सिर्फ नगर निगम ने पूरी ताकत झोंकी बल्कि शहर के नागरिकों, प्रशासन, एनजीओ व सामाजिक संगठनों ने भी पूरा सहयोग किया। लेकिन यह इंदौर है...इसके पांव यहीं थमने वाले नहीं हैं। पंच हासिल करने के साथ ही हमने 2022 को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी है। हमने जमीन साफ की, पानी साफ किया और अब शहर की हवा को स्वच्छ करने की तैयारी है...
5 नवाचार जिन पर है इंदौर को नाज
फोर आर गार्डन : अनुपयोगी चीजों से कलाकृतियां व झूले बनाकर दो फोर आर गार्डनों में लगाए। बैकलेन में भी सुंदरीकरण किया। चौराहों पर अनुपयोगी चीजों से बनाई गई कलाकृतियां लगाने की तैयारी।
जीरो वेस्ट वार्ड : वार्ड 47, 73, 66, 32 और चार में गीले कचरे की होम कम्पोस्टिंग शुरू की गई। कभी यहां से रोज 10 टन कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा जाता था, उसे अब वार्ड में ही खत्म किया जा रहा है।
बायो सीएनजी प्लांट : गीले कचरे से खाद के अलावा बायो सीएनजी भी बनाई जा रही है। बायो-सीएनजी के पंप स्थापित किए हैं और शहर की सिटी बसों में यही ईंधन उपयोग किया जा रहा है।
नाला टेपिंग : सरस्वती और कान्ह नदी में नाला टेपिंग की गई। गंदे पानी को नदी में जाने से रोका। अब सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में उपचारित किया हुआ पानी बह रहा है दोनों नदियों में।
कार्बन क्रेडिट : 8.5 करोड़ रुपये की आय हुई निगम को। कार्बन क्रेडिट बेचकर पैसे कमाने वाला देश का पहला निकाय बना।
5 मंत्र : जो इंदौर ने दूसरों को दिए
कचरा अलग करना : घरों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करना।
कचरा निपटान : गीले कचरे से खाद व बायो सीएनजी बनाना और उसका उपयोग।
सी एंड डी भवन : निर्माण व तोड़ने से जमा मलबे से ईंट और पेवर ब्लाक बनाना।
थर्ड बिन : कोविड के दौर में मास्क व पीपीई किट के लिए पीले रंग का थर्ड बिन।
रियूज : घर का वेस्ट मटेरियल का पुन: उपयोग कर सुंदरीकरण कैसे करना।
5 गर्व : जिन्होंने शहर को दी नई पहचान
ट्रेंचिंग ग्राउंड : कचरे का पहाड़ हटाया और यहां हरियाली की
56 दुकान, सराफा : दोनों चौपाटी को मिला क्लीन फूड स्ट्रीट हब का खिताब
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट : प्लांट बनाए और उपचारित पानी का उपयोग बगीचों और खेतों में सिंचाई में किया।
आदर्श रोड : गिटार चौराहे से साकेत चौराहे तक की सड़क स्वच्छता और सुंदरीकरण की मिसाल बनी।
नदी सफाई : वाटर प्लस सर्वे में बाजी मारने वाला देश का पहला शहर।
5 महत्वपूर्ण किरदार
प्रतिभा पाल, निगमायुक्त : सफाई की व्यवस्था की मॉनिटरिंग में अहम भूमिका रही। कई बार सुबह 6 बजे पहुंचकर सफाई की निगरानी की।
संदीप सोनी, अपर आयुक्त : नदी-नालों की सफाई की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। नाला टेपिंग के लिए तकनीकी योजना को मूर्त रूप दिया।
सुनील गुप्ता, कार्यपालन यंत्री : उपचारित पानी के उपयोग के लिए ओवरहेड टैंक बनवाया और उद्यानों व खेतों तक पानी पहुंचाया।
महेश शर्मा, अधीक्षण यंत्री कचरा कलेक्शन : वाहनों की मानीटरिंग की। कचरे की छह तरह से छंटाई व निपटान का जिम्मा निभाया।
अनूप गोयल, कार्यपालन यंत्री : कम्युनिटी टायलेट को बनवाने का जिम्मा निभाया। मलबे से बने पेवर व ईंट का उपयोग कर फव्वारे बनवाए।
5 तंत्र : जिन्होंने फिर बनाया सरताज
- नगर निगम : कर्मचारी, अधिकारी कोरोनाकाल में भी जुटे रहे।
- प्रशासन : व्यवस्था बनाए रखने में निगम का सहयोग किया।
- जनता : प्रशासन का सहयोग, स्वच्छता का महत्व समझा।
- एनजीओ : नवाचारों को मूर्त रूप देने और जागरूकता में मदद।
- नईदुनिया : नाइट वाकाथॉन का आयोजन, सफाई मित्रों का सम्मान।
इस वर्ष इंदौर शहर ने लगातार पांचवी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त करना तो सराहनीय है ही, उस स्थान को निरंतर बनाए रखना उससे भी अधिक प्रशंसनीय है। - राम नाथ कोविन्द, राष्ट्रपति
अरे वाह भिया, छा गया अपना इंदौर फिर से। इंदौर अद्भुत है, गजब है। धन्य है इंदौर की जनता, इंदौर की जनता को मेरा प्रणाम, जिन्होंने लगातार पांचवीं बार स्वच्छता में शीर्ष पर बनाए रखा। - शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री