नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर ठेकेदारों से 50 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाने के मामले में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और अरुण यादव की परेशानी बढ़ सकती है। इंदौर के जिला न्यायालय ने यहां के संयोगितागंज थाना पुलिस से पूछा है कि तीनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद उसने क्या किया और अब तक जांच कहां तक पहुंची। मामले में अब तक चालान क्यों नहीं पेश किया गया। मामले में न्यायालय ने पुलिस से 18 अक्टूबर को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने लगभग दो महीने पहले 11 अगस्त को इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट कर दावा किया था कि मध्य प्रदेश के ठेकेदारों के एक संघ ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उनको 50 प्रतिशत कमीशन देने के बाद ही भुगतान मिलता है। प्रियंका ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की भ्रष्ट भाजपा सरकार 40 प्रतिशत कमीशन वसूलती थी और मप्र में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के अपने ही रिकार्ड को तोड़कर आगे निकल गई है।
इस मामले में शिकायत होने पर इंदौर की संयोगितागंज थाना पुलिस ने प्रियंका गांधी वाड्रा, कमल नाथ, अरुण यादव और अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। पुलिस को मामले में जांच कर 60 दिन में चालान प्रस्तुत करना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस पर भाजपा विधि प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक निमेष पाठक ने जिला न्यायालय में धारा 156 (3) के तहत एक परिवाद प्रस्तुत किया। इसकी सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने संयोगितागंज पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।