नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम। जिला मलेरिया अधिकारी व उनके डॉक्टर दोस्तों के साथ एक व्यक्ति द्वारा इंदौर में फ्लैट दिलाने के नाम पर करीब 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज देकर धोखाधड़ी की है। स्टेशन रोड पुलिस ने आरोपित अविनाश राव निवासी जावरा रोड हालमुकाम अखंड नगर साठ फीट रोड इंदौर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार डा. प्रमोद प्रजापति व उनके दोस्तों डॉ. गौरव बोरीवाल, सुनील पांचाल, डॉ. सीपी जोशी, धर्मेंद्र चौहान, विवेक जैन, तरुण कसेरा, विनय पासवान आदि ने लिखित शिकायत की। डॉ. प्रजापति ने बताया कि अविनाश पहली बार तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे के घर एक कार्यक्रम में डॉ. प्रजापति से मिला था। उसने स्वयं को डॉ. ननावरे का रिश्तेदार होना बताया था।
प्रजापति से उसने मोबाइल नंबर लेकर कहा था कि वह नगरीय प्रशासन विभाग का काम देखता है। नगरीय प्रशासन के फ्लैट में से कुछ ठेकेदारों व कंस्ट्रक्शन कंपनी को अलग से बेचने को मिलते हैं। वह उन्हें ये फ्लैट इंदौर, भोपाल, रतलाम जहां कहेंगे, वहां दिला देगा। उसकी बातों पर भरोसा करके दोस्तों के साथ रतलाम व इंदौर में फ्लैट देखे।
एडवांस रुपये डिपाजिट करना होंगे अविनाश ने एक दिन डॉ. प्रजापति को बताया कि पहले कुछ रुपया एडवांस डिपॉजिट करना होगा। इसके बाद वह जो फार्म (आवेदन) देगा, उसे भरना होगा। फार्म नगरीय प्रशासन में जमा होते ही फ्लैट नंबर अलाट होगा। फिर आगे की कार्रवाई के लिए कुछ रुपये देने होंगे। नगरीय प्रशासन द्वारा पत्र जारी कर दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाकर रजिस्ट्री कराकर आपको चाबी दी जाएगी।
वह स्वयं उनके साथ चलेगा। डा. प्रजापति ने जब उससे कहा कि नगरीय प्रशासन में डीडी लगता है और प्रक्रिया ऑनलाइन होती है, तो उसने कहा कि जो फ्लैट्स कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार के माध्यम से हमें बेचने को मिलते हैं, उसकी कार्रवाई हमारे माध्यम से ही होती है।
डॉ. प्रजापति ने 16 अक्टूबर 2023 को अविनाश के खाते में ऑनलाइन 50 हजार रुपये भेजे और फार्म भी भर दिया। डेढ़-दो माह में पूरी प्रोसेस होने पर फ्लैट की चाबी देने का आश्वासन दिया। कुछ दिन बाद डा. प्रजापति ने दोस्तों सुनील पांचाल, डा. सीपी जोशी, डॉ. गौरव बोरीवाल, विनय पासवान को जानकारी दी तो पांचाल व जोशी भी उनके साथ फ्लैट देखने व जानकारी लेने इंदौर गए थे।
अविनाश प्रतिदिन सभी को तीन-चार बार फोन करता था। छह अप्रैल 2024 को अविनाश ने डा. बोरीवाल व पांचाल को व्हाट्सएप पर कार्यालय आयुक्त नगर निगम इंदौर का पत्र भेजा था, जिसमें 24 अप्रैल 2024 को नगर निगम इंदौर में आवास के दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए पहचान-पत्र के साथ उपस्थित होना लिखा था। पांचाल ने इंदौर नगर निगम जा कर पत्र दिखाया तो वहां से बताया गया कि पत्र फर्जी है।
रुपये वापस नहीं दिए पत्र फर्जी होने की जानकारी पांचाल ने डॉ. प्रजापति व अन्य को दी तो शंका होने पर डा. प्रजापति ने अविनाश से फोन पर बात की तो उसने कहा कि पांचाल गलत किसी व्यक्ति से मिलने चले गए हैं। इसके बाद पता चला कि उसने जो दस्तावेज भेजे थे, वे सभी फर्जी हैं।
उसे बुलाया, लेकिन वह मिलने नहीं आया और फोन पर ही बात कर कहा कि वह रुपये वापस कर देगा, लेकिन अभी तक रुपये वापस नहीं लौटाए। पुलिस के अनुसार अनेक लोगों के साथ करीब साठ लाख रुपये की धोखाधड़ी की बात सामने आई है। धारा 420, 406 में प्रकरण दर्ज कर अविनाश की तलाश की जा रही है।