नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर-देवास बायपास पर फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण के कारण सड़क की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। झलारिया से अर्जुन बड़ौद तक की सर्विस रोड पूरी तरह से खराब हो गई है। यहां जगह-जगह गड्ढे और उड़ती धूल वाहन चालकों के साथ-साथ आसपास के निवासियों के लिए भी समस्या उत्पन्न कर रही है। अंधेरे में दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। इस क्षेत्र में यातायात भी काफी प्रभावित हो रहा है, जिससे लोगों को अक्सर ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है।
इस स्थिति को लेकर बुधवार को जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंत्रालय में नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में निर्माण कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया गया। साथ ही, निर्माण स्थल के आसपास सर्विस रोड को बेहतर बनाने और सड़क के गड्ढों को भरने के निर्देश दिए गए।
बैठक में एनएचएआई के रीजनल आफिसर एसके सिंह, एमपीआरडीसी के चीफ इंजीनियर राकेश जैन सहित अन्य प्रमुख अभियंता और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री सिलावट ने फ्लाईओवर निर्माण के साथ-साथ सड़क चौड़ीकरण, सर्विस रोड की मरम्मत और मार्ग पर खराब लाइटों को ठीक करने का कार्य प्राथमिकता से करने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि जब तक ये कार्य पूरे नहीं होते, तब तक ट्रैफिक जाम और स्थानीय लोगों की परेशानियां समाप्त नहीं होंगी।
इस दौरान, एनएचएआई के एसके सिंह ने प्रोजेक्ट की डेडलाइन के बारे में जानकारी दी। अर्जुन बड़ौद फ्लाईओवर का कार्य 15 जनवरी, झलारिया फ्लाईओवर 30 जनवरी और कनाड़िया (एमआर 10) फ्लाईओवर का कार्य 31 मार्च तक पूरा करने की बात कही गई। मंत्री सिलावट ने कहा कि दीपावली से पहले दोनों ओर की सर्विस रोड की मरम्मत और डामरीकरण का कार्य भी समाप्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, आगामी 10 दिनों में पूरे मार्ग पर लाइटें भी लगाई जाएंगी।
हालांकि, बैठक में अधिकारियों ने इंदौर-देवास बायपास में चल रहे निर्माण कार्यों को निर्धारित डेडलाइन में पूरा करने पर जोर दिया, लेकिन वास्तविकता यह है कि सभी प्रोजेक्ट की गति काफी धीमी है। केवल 30 से 40 प्रतिशत ही कार्य पूरा हो पाया है। ऐसे में तीन से छह महीने के भीतर फ्लाईओवर का निर्माण संभव नहीं है। राऊ फ्लाईओवर में भी एक साल की देरी हो चुकी है, जबकि रालामंडल के पास अंडरपास का कार्य भी अधूरा है।