नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। हत्या के मामले में आरोपित किशोर के खिलाफ अब सामान्य न्यायालय में प्रकरण चलेगा। अब तक इस मामले में किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष सुनवाई चल रही थी। पीड़ित परिवार ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
उनका कहना था कि किशोर बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में आरोपित को कद-काठी और मानसिक रूप से वयस्क की तरह बताया है। कोर्ट ने पीड़ित पक्ष की याचिका स्वीकारते हुए आदेश दिया कि किशोर के खिलाफ मामले के अन्य आरोपितों की तरह जिला न्यायालय में प्रकरण चलाया जाए।
मामला हीरा नगर पुलिस थाने का है। पुलिस ने कुछ आरोपितों को पेट्रोल चुराते हुए पकड़ा था। इस दौरान छीनाझपटी के दौरान एक युवक की चाकू से लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने किशोर सहित कुछ अन्य के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। किशोर के अवयस्क होने की वजह से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया था।
पीड़ित पक्ष ने एक आवेदन देकर किशोर के खिलाफ जिला न्यायालय में हत्या का प्रकरण चलाने की गुहार लगाते हुए एक याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी। इस पर कोर्ट के आदेश पर किशोर बोर्ड ने एक कमेटी गठित कर नाबालिग की जांच की।
इसमें पाया कि नाबालिग शारीरिक और मानसिक रूप से वयस्कों की तरह है। बावजूद इसके बोर्ड ने किशोर के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष सुनवाई चलाए जाने की बात कही थी। इस पर पीड़ित परिवार ने दोबारा याचिका दायर की। इसे स्वीकारते हुए हाई कोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया कि नाबालिग के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष नहीं बल्कि अन्य आरोपितों की तरह प्रकरण चलाया जाए।