इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि,Indore Higher Education News। दस महीने बाद सोमवार से भले ही कॉलेजों में ऑफलाइन कक्षाएं संचालित होने लगी हैं, मगर वहां विद्यार्थियों की उपस्थिति पहले जैसी नहीं है। संक्रमण का डर अब भी विद्यार्थियों और उनके परिवार को सता रहा है। साथ ही शासन ने अभी होस्टल शुरू करने की अनुमति नहीं दी है। यही वजह है कि बाहरी शहरों से विद्यार्थी कॉलेज नहीं पहुंचे हैं। उम्मीद जताई रहा है कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में समीक्षा के बाद होस्टल को लेकर गाइडलाइन आ सकती है। उधर होस्टल संचालक लगातार सरकार पर दबाव बनाने में लगे हुए हैं।
सरकारी और निजी कॉलेजों में सोमवार को महज 15 से 20 फीसद विद्यार्थियों की उपस्थिति में कक्षाएं लगाई गईं। ये अधिकांश विद्यार्थी इंदौर और आसपास के शहरों से आए थे। कम उपस्थित रहने के बावजूद कॉलेजों में पढ़ाई हुई। सरकारी कॉलेजों का दौरा करने के दौरान अतिरिक्त संचालक डॉ.सुरेश सिलावट ने भी शिक्षकों से कहा कि कम विद्यार्थियों में कक्षा लगाना अनिवार्य है। ज्यादातर विद्यार्थियों ने कॉलेजों में कक्षाओं में बैठने को लेकर सहमति पत्र जमा करवा दिया है। होलकर साइंस, जीएसीसी, ओल्ड जीडीसी, न्यू जीडीसी, निर्भयसिंह पटेल, न्यू साइंस कॉलेज, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में इंदौर, महू, देपालपुर, चोरल से विद्यार्थी आए थे। होस्टल में रहने वाले विद्यार्थी अभी नहीं आए हैं। अतिरिक्त संचालक डॉ. सिलावट का कहना है कि कॉलेज में पढ़ने वाले 60 फीसद छात्र होस्टल में रहते हैं। वे अभी पढ़ने नहीं आए हैं। होस्टल खुलने पर कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ जाएंगी। होस्टल को लेकर जल्द ही समीक्षा की जाएगी। फिर गाइडलाइन जारी की जाएगी। 25 जनवरी तक विभाग होस्टल के लिए दिशा-निर्देश सकता है।
40 फीसद छात्र-छात्राओं ने दीं सहमति
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के 32 विभागों में 14 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। इनमें से 35 से 40 फीसद विद्यार्थियों ने ऑनलाइन सहमति पत्र भेजा था, मगर सोमवार को महज 20 फीसद छात्र-छात्राएं ही उपस्थित थे। ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन कक्षाएं भी संचालित की गईं। मीडिया प्रभारी डॉ.चंदन गुप्ता ने बताया कि बाहर से विद्यार्थी नहीं आए हैं। होस्टल खुलने के बाद विद्यार्थियों की विवि में उपस्थिति बढ़ने की उम्मीद है।