नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सावन माह में धार्मिक आस्था के प्रतीक बाणेश्वरी कावड़ यात्रा ने शुक्रवार को इंदौर शहर के पश्चिमी हिस्से से प्रारंभ होकर जैसे-जैसे मुख्य मार्गों से गुजरी, वैसे-वैसे हजारों वाहन चालकों की परेशानी बढ़ती गई। सुबह से लेकर दोपहर तक करीब तीन से चार घंटे तक यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। जरूरी कामों से निकले लोग, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और स्कूली बच्चे लंबे ट्रैफिक जाम में फंसे रहे।
कावड़ यात्रा की शुरुआत चाणक्यपुरी चौराहा स्थित द्वारका गार्डन से हुई। इसके बाद यह यात्रा अन्नपूर्णा, महूनाका, लालबाग, कलेक्टोरेट, मोती तबेला, मच्छी बाजार, राजवाड़ा, मरीमाता चौराहा होते हुए बाणगंगा और रेवती रेंज की ओर बढ़ी। इस दौरान यात्रियों का स्वागत करने के लिए कई जगह स्टेज और स्वागत मंच लगाए गए, जिससे ट्रैफिक और भी अधिक बाधित हो गया।
सुबह के समय जब स्कूल और ऑफिस का पीक आवर होता है, उसी दौरान यात्रा की शुरुआत ने शहर की सड़कों को पूरी तरह जाम कर दिया। कई जगहों पर स्कूल बसें कावड़ यात्रा के बीच फंसी रहीं, जिससे बच्चों को स्कूल पहुंचने में देर हुई। माता-पिता और स्कूल स्टाफ इस स्थिति से परेशान दिखे।
महूनाका से लेकर राजवाड़ा तक की सड़कों पर कई वाहन चालक आपस में भिड़ते नजर आए। ट्रैफिक जाम के बीच लोग एक-दूसरे पर आरोप लगाते दिखे। कई बार स्थिति इतनी बिगड़ गई कि गुत्थम-गुत्था की नौबत आ गई। ट्रैफिक पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन भीड़ और जाम को संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।
ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकालने की कोशिश की, लेकिन यात्रा के दौरान सड़कों की स्थिति इतनी भीड़भाड़ भरी रही कि किसी भी तरफ से निकासी आसान नहीं रही। जब यात्रा बाणगंगा क्षेत्र पार करके रेवती रेंज की ओर बढ़ी, तब जाकर शहरवासियों ने राहत की सांस ली।