Indore Lok Sabha Elections 2024: आचार संहिता के चक्कर में अटकी वन टाइम सैटलमेंट योजना
आम चुनाव के साइड इफेक्ट, निगम को 200 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद। चुनाव के बाद इस योजना का क्या होगा यह तो भविष्य ही बताएगा।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 08:24:25 AM (IST)
Updated Date: Mon, 01 Apr 2024 08:24:25 AM (IST)
इंदौर नगर निगम की वन टाइम सेटलमेंट योजना।HighLights
- आचार संहिता के चलते नगर निगम की वन टाइम सैटलमेंट योजना अटक गई है।
- आर्थिक संकट से जूझ रहे इंदौर नगर निगम को उम्मीद थी कि इस योजना से उसे 200 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी।
- शहर में हजारों की संख्या उन जल कनेक्शनधारियों की है, जो वर्षों से नगर निगम में जलकर ही जमा नहीं कर रहे।
Indore Lok Sabha Elections 2024: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आचार संहिता के चलते नगर निगम की वन टाइम सैटलमेंट योजना अटक गई है। आर्थिक संकट से जूझ रहे इंदौर नगर निगम को उम्मीद थी कि इस योजना से उसे 200 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी। इससे वह अधूरे काम शुरू कर सकेगा। वन टाइम सैटलमेंट योजना को कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की हरी झंडी भी मिल गई थी, लेकिन फाइल इंदौर पहुंचती, इसके पहले ही आचार संहिता लागू हो गई। अधिकारियों का कहना है कि आचार संहिता हटते ही योजना लागू करेंगे, लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इस दावे में कितना दम है। फिलहाल तो आम चुनाव के चलते निगम का आर्थिक संकट और लंबा खींच गया है।
शहर में हजारों की संख्या उन जल कनेक्शनधारियों की है, जो वर्षों से
नगर निगम में जलकर ही जमा नहीं कर रहे। बार-बार चेतावनी के बावजूद ये लोग नगर निगम में जलकर जमा नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के अनियमित खातों को नियमित करने और नगर निगम को आर्थिक संकटों से उभारने के प्रयास के चलते निगम ने वन टाइम सैटलमेंट योजना तैयार की है।
इस योजना के तहत वर्ष 2022-23 तक के बकाया जलकर की 50 प्रतिशत राशि जमा कर कोई भी खाताधारी
जलकर के अनियमित खाते को नियमित करवा सकता है। निगम के अनुमान के मुताबिक ऐसे खातों की संख्या 50 हजार से ज्यादा है। इन खातों के नियमित होने की स्थिति में निगम को 200 करोड़ रुपये की राशि मिलने की उम्मीद थी। इन खातों के नियमित होने पर अगले वर्ष से निगम को नियमित राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद भी रहती।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस योजना के बारे में कैबिनेट मंत्री
कैलाश विजयवर्गीय और मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से विस्तार से चर्चा भी की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री ने इस योजना को अनुमोदित भी कर दिया था, लेकिन नगर निगम मुख्यालय तक कागज पहुंचने से पहले ही आचार संहिता लग गई। इसके चलते अब यह योजना फिलहाल तो अटक गई है। चुनाव के बाद इस योजना का क्या होगा यह तो भविष्य ही बताएगा।
एक माह का समय देने की योजना थी
निगम की योजना थी कि वन टाइम सैटलमेंट योजना लागू करने के बाद लोगों को बकाया जलकर जमा करने के लिए एक माह का समय दिया जाए। इसके बावजूद भी लोग अगर अनियमित खाता नियमित नहीं करवाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन आचार संहिता के चलते अब यह योजना अटक गई है।
अवैध कनेक्शन को वैध करने की योजना भी हो चुकी है फेल
नगर निगम ने इसके पहले अवैध जल कनेक्शन को वैध करने की योजना भी लागू की थी। इस योजना के तहत एक निश्चित राशि जमा कर अवैध जल कनेक्शन को वैध करवाया जा सकता था। निगम के अधिकारियों का अनुमान है कि शहर में 75 हजार के लगभग अवैध जल कनेक्शन हैं। योजना के तहत इनमें से सिर्फ 18 हजार जल कनेक्शन ही वैध किए जा सके। शेष अवैध कनेक्शनधारी अब भी बगैर किसी तरह का शुल्क चुकाए जल उपयोग कर रहे हैं। निगम अधिकारी कई बार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन ये कार्रवाई कभी होती हुई नजर नहीं आती।
वन टाइम सैटलमेंट योजना लागू की जाना थी, लेकिन आचार संहिता के चलते लागू नहीं किया जा सका है। आचार संहिता हटते ही इस योजना को लागू करेंगे। हमें उम्मीद है कि इससे निगम को अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होगा और भविष्य में भी लाभ मिलता रहेगा।
-अभिलाष मिश्रा, अपर आयुक्त राजस्व