Indore Municipal Corporation : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर में सोमवार को नवनिर्वाचित महापौर एवं पार्षदों के प्रथम सम्मेलन के पहले भाजपा ने नगर निगम इंदौर के सभापति पद के लिए मुन्नालाल यादव का नाम तय किया। गौरतलब है कि रविवार को भाजपा पार्टी कार्यालय में चुने गए भाजपा पार्षदों के साथ वरिष्ठ नेताओं ने रायशुमारी की थी जिसमें सभापति पद के दावेदारों के तीन नाम मांगे गए थे। इसमें मुन्नालाल यादव के अलावा पूर्व में नगर निगम के सभापति रह चुके राजेंद्र राठौर का नाम भी था। राठौर पहले सभापति रह चुके हैं इस वजह से पार्टी ने मुन्नालाल यादव को सभापति पद का दायित्व सौंपा।
शुरू से ही है कयास लगाए जा रहे थे कि नगर निगम परिषद की टीम व सभापति के दावेदारों में दो नंबर विधानसभा के पार्षदों को ही तवज्जो दी जाएगी। कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय की पहली पसंद मुन्नालाल यादव ही थे। यही वजह है कि उन्हें सभापति का दायित्व सौंपा गया है। यादव दो बार से पार्षद रह चुके हैं। इस बार चुनाव में उन्हें प्रतिदद्वंद्वी ने कड़ी टक्कर दी थी और बहुत कम मतों के अंतर से उनकी जीत सुनिश्चित हुई थी। राजेंद्र राठौड़ पूर्व में निगम के सभापति का दायित्व निभा चुके थे, इस वजह से वे सभापति की दौड़ से पीछे रह गए। हालांकि उन्हें निगम परिषद में प्रमुख विभाग मिलना तय माना जा रहा है।
आज होगा निगम का प्रथम सम्मेलन - गौरतलब है कि कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 18 के प्रावधान अंतर्गत नगर पालिक निगम इंदौर के नवनिर्वाचित महापौर एवं पार्षदों का प्रथम सम्मेलन आहूत करने की सूचना जारी की गई है। इसके अनुसार निर्वाचित महापौर एवं पार्षदों का प्रथम सम्मेलन आज सुबह 11 बजे ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। भाजपा ने मुन्नालाल यादव को सभापति घोषित कर दिया है। ऐसे में निर्वाचन की सामान्य प्रक्रिया के पश्चात उन्हें सभापति घोषित कर दिया जाएगा। आज होने वाले सम्मेलन में अधिनियम की धारा 403(4) के प्रावधान अनुसार अपील समिति के सदस्यों का निर्वाचन भी किया जाएगा।
कांग्रेस के चिंटू चौकसे बने नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष
इंदौर। कांग्रेस ने चिंटू चौकसे को इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष बनाया है। नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर लंबे समय से चल रही खींचतान के बीच रविवार को पार्टी ने फैसला लिया। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के 19 पार्षद चुनकर आए थे। इनमें से अनुभव के आधार पर चौकसे के अलावा विनीतिका यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम के बीच इस बार नेता प्रतिपक्ष बनने को लेकर होड़ थी। रविवार को वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद चौकसे के नाम पर सहमति बनी।
45 साल के चौकसे दो बार के पार्षद हैं, जबकि एक बार उनकी पत्नी माधवी पार्षद रह चुकी हैं। चिंटू ने एनएसयूआइ से राजनीति की शुरुआत की थी। इस बार चुनाव में उन्होंने वार्ड 21 से करीब साढ़े तीन हजार मतों से जीत हासिल की थी। यह वार्ड विधानसभा क्षेत्र दो का हिस्सा है, जो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का गृह क्षेत्र भी है। स्थानीय राजनीति में इस क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है और यहां से लगातार जीतना चौकसे के पक्ष में रहा।
फौजिया बनीं मुख्य सचेतक - विनीतिका यादव को उपनेता प्रतिपक्ष जबकि फौजिया अलीम को मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। विनीतिका तीसरी बार पार्षद चुनी गई हैं। इनके परिवार का कांग्रेस में दबदबा रहा है। इनके ससुर रामलाल यादव विधायक और एमआइसी सदस्य रहे हैं। पति दीपू विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। वहीं फौजिया चौथी बार पार्षद चुनी गई थीं, जबकि उनके पति शेख अलीम दो बार पार्षद रहे हैं। विनीतिका की पार्टी की गतिविधियों में सक्रियता तुलनात्मक रूप से कम होना उनके खिलाफ गया। वहीं फौजिया जिस आजाद नगर वार्ड से चुनाव जीतती हैं, वह मुस्लिम बहुल इलाका है। भाजपा ने यहां से हिंदू प्रत्याशी उतारा था, जिससे चुनौती आसान थी।
जनता के मुद्दे उठाने में पीछे नहीं रहेंगे - नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद चिंटू चौकसे ने कहा कि शहर विकास के लिए सकारात्मक सोच के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव का साथ देंगे। मगर जनता के मुद्दे उठाने में पीछे नहीं रहेंगे। शहर को अतिक्रमण और होर्डिंग मुक्त कराना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए हम महापौर से चर्चा करेंगे। शहरवासियों को पीली गैंग के आतंक से मुक्ति दिलाएंगे।