नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। जलकर बकायादारों के खाते नियमित करने के उद्देश्य से शुरू की गई नगर निगम की वन टाइम सेटलमेंट योजना को बकायादारों का बहुत ज्यादा प्रतिसाद नहीं मिला। योजना के तहत निगम ने 200 करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 21 दिन चले अभियान में लगभग 35 करोड़ रुपये ही निगम को मिले।
रविवार देर शाम तक नगर निगम के कैश काउंटरों पर बकाया जलकर जमा कराने वालों की भीड़ थी। रविवार को 4 करोड़ 85 लाख रुपये नकदी जमा हुए। देर शाम तक चेक की पोस्टिंग जारी थी। योजना समाप्त होने के बाद अब नगर निगम बकायादारों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करेगा।
निगम के दल अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचकर जल कर खातों की जांच करेंगे। बकायादारों के खिलाफ नल कनेक्शन विच्छेद करने के साथ-साथ बकाया रकम वसूलने की कार्रवाई की जाएगी। निगम बकायादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई भी करेगा।
वन टाइम सेटलमेंट योजना 5 अगस्त से शुरू होकर 24 अगस्त तक थी, लेकिन आमजन की सुविधा को देखते हुए इसे रविवार 25 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था। शनिवार, रविवार को अवकाश होने के बावजूद नगर निगम कार्यालयों के कैश काउंटर खुले रखे गए ताकि आमजन बगैर किसी असुविधा के अपना बकाया जलकर का भुगतान कर सकें।
यानी बकायादारों को यह सुविधा दी गई थी कि वे वर्ष 2022-23 तक के बकाया जलकर का 50 प्रतिशत भुगतान कर अपना खाता नियमित करवा लें। योजना की सफलता के लिए नगर निगम ने 100 से ज्यादा क्षेत्रों में विशेष अभियान भी चलाए थे। निगमायुक्त सहित अन्य अधिकारियों ने भी घर-घर पहुंचकर लोगों को जलकर खाता नियमित करने के लिए प्रेरित किया था।
सोमवार से निगम बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा। हमने इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। योजना के तहत सिर्फ 50 प्रतिशत भुगतान कर खाता नियमित करने का अवसर दिया गया था। अब योजना समाप्त होने के बाद निगम बकायादारों के जल कनेक्शन विच्छेद करने, बकाया राशि वसूलने और एफआईआर दर्ज कराने जैसी कार्रवाई करेगा। - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर इंदौर
रविवार को निगम को 4 करोड़ 85 लाख रुपये नकदी मिले। इसे मिलाकर 31 करोड़ रुपये योजना के तहत निगम को मिल चुके हैं। इसके अलावा चेक से मिले भुगतान की पोस्टिंग देर शाम तक जारी थी। इसे मिलाकर उम्मीद है कि हम 35 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच जाएंगे। - एनएन पांडेय, अपर आयुक्त राजस्व