Indore News: फर्जी एसडीएम के विरुद्ध 1100 पन्नों की चार्जशीट, पुलिस-प्रशासनिक अफसर बने गवाह
Indore News: फर्जी एसडीएम नीलम पाराशर पर 45 से ज्यादा बेरोजगारों से एक करोड़ रुपये ठगने का आरोप, क्राइम ब्रांच ने नीलम के पति अनिरुद्ध पाराशर और जेठ अमित पाराशर को भी बनाया आरोपित, कई थानों में दर्ज हैं शिकायतें।
By Hemraj Yadav
Edited By: Hemraj Yadav
Publish Date: Wed, 07 Dec 2022 01:45:00 AM (IST)
Updated Date: Wed, 07 Dec 2022 01:45:41 AM (IST)

Indore News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महिला बाल विकास विभाग, आंगनबाड़ी और कलेक्टोरेट में नौकरी का झांसा देने वाली नीलम पाराशर के खिलाफ 1100 पन्नों का चालान पेश हुआ है। 45 से ज्यादा बेरोजगारों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा ठग चुकी नीलम खुद को एसडीएम बताती थी। पुलिस ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को भी गवाह बनाया है।
डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक, तेजाजी नगर निवासी नीलम के खिलाफ सराफा, हीरानगर और तेजाजी नगर थाने में भी केस दर्ज हुए हैं। गिरफ्तारी को 90 दिन होने के कारण उसके खिलाफ क्राइम ब्रांच ने चालान पेश कर दिया। पंचनामा, जब्ती, गवाही, बयान और पीड़ितों के बयान लेकर पुलिस ने 1100 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने नीलम के पति अनिरुद्ध पाराशर और जेठ अमित पाराशर को भी आरोपित बनाया था। वहीं एमपी आनलाइन सेंटर का संचालक पंकज जैन अभी फरार चल रहा है।
कलेक्टर-एसडीएम के हस्ताक्षर से बनाए नियुक्ति पत्र
डीसीपी के मुताबिक, नीलम एक साल से एसडीएम बनकर घूम रही थी। उसने महिला बाल विकास विभाग, आंगनबाड़ी, कलेक्टोरेट, नगर निगम में नौकरी का झांसा देकर लोगों को नियुक्ति पत्र भी सौंप दिए थे। सैनिक की वर्दी पहनकर साथ रहने वाले एक युवक को तो तत्कालीन कलेक्टर के हस्ताक्षर से नियुक्ति पत्र सौंपा था। पुलिस ने सभी विभागों से कथन लिए और उन्हें भी गवाह बनाया। मिसरोद पुलिस के भी कथन लिए गए। नीलम वीवीआइपी परिवार की शादी में एसडीएम बनकर खाना खाने पहुंची थी। इस शादी में राज्यपाल भी शामिल हुए थे। मामले में पुलिस ने नीलम को छोड़ दिया, लेकिन उसके चालक और गनमैन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मिसरोद पुलिस के भी बयान लगाए हैं।
साड़ी व्यवसायी की शिकायत पर पहुंची जेल
नीलम पहले सागर में फर्जीवाड़ा करती थी। बाद में देपालपुर, राऊ और इंदौर में एसडीएम बनकर घूमने लगी। राज्यपाल के नाम से उसने खुद का नियुक्ति पत्र बना लिया। एक रिपोर्ट भी बनाई जिसमें स्वयं के लिए सुरक्षा मुहैया करने की अनुशंसा की। गिरफ्तारी के कुछ दिनों पूर्व उसने व्यवसायी से 80 हजार रुपये की साड़ियां खरीदी और गिरफ्तारी की धमकी दी। व्यवसायी क्राइम ब्रांच पहुंचा और नीलम के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया।