Indore News: इंदौर में हुई पौधारोपण में गड़बड़ी की जांच अब करेंगे सीसीएफ
Indore News: पहले डीएफओ ने किया था दौरा, शिकायत व रिपोर्ट के बाद पीसीसीएफ ने दिए आदेश।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Fri, 09 Feb 2024 09:58:24 AM (IST)
Updated Date: Fri, 09 Feb 2024 09:58:24 AM (IST)
इंदौर में हुई पौधारोपण में गड़बड़ी की जांच अब करेंगे सीसीएफHighLights
- इंदौर वृत्त के मुख्य वन संरक्षण द्वारा गोद लिए गए पौधारोपण में भारी गड़बड़ी और अनियमितताएं सामने आई है।
- पौधारोपण के लिए आई राशि का भरपूर इस्तेमाल कर लिया है।
- मामले में जांच कर सात दिन में पूरी करना है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर Indore News। इंदौर वृत्त के मुख्य वन संरक्षण (सीसीएफ) द्वारा गोद लिए गए पौधारोपण में भारी गड़बड़ी और अनियमितताएं सामने आई है। शिकायत के बाद दिसंबर में डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने दौरा किया। जहां पौधों से ज्यादा घास बढ़ गई है। यहां तक पौधों की कटाई-छटाई भी बराबर नहीं हुई है। यहां तक कि पौधारोपण के लिए आई राशि का भरपूर इस्तेमाल कर लिया है।
डीएफओ की रिपोर्ट के बाद वन विभाग मुख्यालय में पीसीसीएफ (मुख्य कार्यपालन अधिकारी-कैम्पा) महेंद्र सिंह धाकड़ ने जांच आगे बढ़ाई है। इसकी जिम्मेदारी सीसीएफ
उज्जैन को सौंपी है। मामले में जांच कर सात दिन में पूरी करना है। उसके आधार पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
दौरा नहीं होता तो दबता मामला
कैम्पा योजना के अंतर्गत कम्पेल में 79 हैक्टेयर वनक्षेत्र कक्ष क्रमांक 227 में 2022-23 के दौरान पौधे लगाए। यह
पौधारोपण स्थल तत्कालीन सीसीएफ एचएस मोहंता ने गोद लिया। दस्तावेजों में यहां दूसरे साल 8 लाख 30 हजार 591 और निदाई-गुडाई पर 78750 रुपये खर्च किया। लगभग 79 हजार पौधे रोपे गए थे, लेकिन कुछ पौधे नष्ट हो चुके है।
नवंबर तक इस बारे में किसको कोई जानकारी नहीं थी। 29 नवंबर को सीसीएफ नरेंद्र सनोडिया ने दौरा किया। जहां घास की इतनी लंबाई हो चुकी थी कि वहां पौधे नजर नहीं आ रहे थे। मौके पर भी सीसीएफ सनोडिया और डीएफओ सोलंकी ने जिम्मेदारों को फटकार लगाई। पौधों के लिए करवाए गए गड्ढें भी काफी छोटे मिले। इसके चलते तीन से चार फीट ही पौधे डेढ़ साल में पनप पाए है। खाद की मात्रा भी कम मिली है।
डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने रेंज को पत्र लिखा। बाद में रेंजर ने वनकर्मी को घास कटवाने में लगा दिया। डीएफओ ने तीन दिन का समय दिया है। साथ ही रेंजर को मौके का निरीक्षण करने के निर्देश दिए है और जिन वनकर्मियों के पास पौधे लगाने की जिम्मेदारी थी। उनके खिलाफ कार्रवाई करने को बोला है।
बताई लापरवाही
रिपोर्ट में डीएफओ ने पौधे लगाने में लापरवाही व अनियमितता मानी है। इसके आधार पर विभाग के पूर्व अधीक्षक शंकर नाइक ने सीएम मोहन यादव व वनमंत्री नागर सिंह चौहान ने शिकायत की। फिर 6 फरवरी को पीसीसीएफ धाकड़ ने जांच दोबारा करवाने का फैसला लिया। इसके लिए उज्जैन सीसीएफ को जांच सौंप दी।